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Up Kiran, Digital Desk: महिलाओं की खूबसूरती में चार चांद लगाने वाले हीरे अब सिर्फ रईसों तक सीमित नहीं रहे। प्रयागराज में लैबबॉर्न डायमंड ज्वेलरी का क्रेज तेजी से बढ़ रहा है। खास बात यह है कि ये हीरे खदानों से नहीं, बल्कि लैब में उन्नत तकनीक से बनाए जाते हैं। नतीजा – कीमत इतनी किफायती कि मध्यमवर्गीय परिवारों की दुल्हनें भी अब हीरे के गहनों में सजकर शादी के मंडप तक पहुंच रही हैं।

बीते कुछ महीनों में शहर में दो नामी ब्रांड्स ने अपने शोरूम खोले हैं। इनमें से एक कंपनी तो दुल्हन के लिए पूरा डायमंड सेट महज छह लाख रुपये में दे रही है। इस सेट में सात पीस शामिल हैं – हार, झुमका, अंगूठी, मांगटीका और कंगन जैसे पारंपरिक गहने। ये सभी गहने 14 से 18 कैरेट सोने में जड़े लैबबॉर्न डायमंड से तैयार किए जाते हैं।

सिविल लाइंस स्थित एक शोरूम में आई रश्मि ने बताया, “हीरे पहनने का सपना हमेशा से था, पर बजट नहीं बन पाता था। लैब डायमंड ने यह सपना पूरा कर दिया। दिखने में असली हीरे जैसा और कीमत भी किफायती।” इसी तरह, एक अन्य ग्राहक ने कहा कि पारंपरिक सोने की बजाय डायमंड लुक अब ज्यादा आकर्षित कर रहा है।

ज्वेलर्स का क्या कहना है?
राणा ज्वेलर्स के मालिक पंकज सिंह बताते हैं, “लैबबॉर्न डायमंड में भी वही कार्बन की संरचना होती है, जैसी असली हीरे में होती है। फर्क सिर्फ इतना है कि ये खदान से नहीं, मशीन से बनते हैं। नतीजतन, यह क्वालिटी में कोई समझौता नहीं करते और कीमत में 40-60% तक सस्ते होते हैं।”
वहीं, सुनहरी गोल्ड एंड डायमंड के संचालक हर्षवर्धन का कहना है, “यह एकदम नई चीज है। महिलाओं को यह बेहद पसंद आ रही है और आने वाले दिनों में यह और लोकप्रिय होगी।”

हीरे की नाक की कील मात्र 6 हजार में
इन शोरूम्स में हीरे की नाक की कील महज छह हजार रुपये में उपलब्ध है, जबकि अंगूठी 12 हजार रुपये में। यह कीमतें पारंपरिक सोने के मुकाबले बेहद किफायती हैं, और यही वजह है कि महिलाएं तेजी से लैबबॉर्न डायमंड की तरफ झुक रही हैं।

असली जैसा लुक, लेकिन सस्ता
लैबबॉर्न डायमंड का असली हीरे जैसा लुक और फिनिशिंग इन गहनों को बेहद आकर्षक बनाते हैं। विशेषज्ञ मानते हैं कि आने वाले समय में लैबबॉर्न डायमंड ज्वेलरी का बाजार और मजबूत होगा। इसके चलते हीरा पहनना अब सिर्फ सपना नहीं, बल्कि हर महिला की हकीकत बनने जा रहा है।