
भारतीय जनता पार्टी (BJP) के वरिष्ठ नेता और पश्चिम बंगाल से सांसद दिलीप घोष हाल ही में पीएम नरेंद्र मोदी की रैली से दूर नजर आए। इस पर चर्चा तब और तेज हो गई जब उन्होंने खुद कहा कि “पार्टी नहीं चाहती कि मैं वहां रहूं।” यह बयान राजनीतिक हलकों में हलचल मचा रहा है।
दरअसल, पीएम मोदी की हालिया रैली पश्चिम बंगाल में आयोजित की गई थी। पार्टी के कई बड़े नेता वहां मौजूद थे, लेकिन दिलीप घोष की गैरहाजिरी ने कई सवाल खड़े कर दिए। जब इस बारे में उनसे सवाल किया गया तो उन्होंने साफ शब्दों में कहा कि “पार्टी नेतृत्व मुझे उस कार्यक्रम में नहीं चाहता था, इसलिए मैं वहां नहीं गया।”
इस बयान के बाद दिलीप घोष अचानक दिल्ली पहुंचे और भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जे.पी. नड्डा से मुलाकात की। यह बैठक काफी महत्वपूर्ण मानी जा रही है, क्योंकि इसके पीछे संगठन में चल रही अंदरूनी खींचतान की अटकलें लगाई जा रही हैं।
सूत्रों के अनुसार, दिलीप घोष पार्टी में अपनी उपेक्षा को लेकर नाखुश हैं। उन्होंने शीर्ष नेतृत्व से अपनी स्थिति साफ करने और भविष्य की भूमिका पर बातचीत करने के लिए यह बैठक की। हालांकि, भाजपा की ओर से इस पर कोई आधिकारिक प्रतिक्रिया नहीं आई है।
गौरतलब है कि दिलीप घोष पहले पश्चिम बंगाल भाजपा के अध्यक्ष भी रह चुके हैं और पार्टी के लिए कई बार आक्रामक भूमिका निभा चुके हैं। अब जब लोकसभा चुनाव नजदीक हैं, ऐसे में उनके जैसे वरिष्ठ नेता का पार्टी से नाराज होना संगठन के लिए चिंता का विषय बन सकता है।
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