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22 अप्रैल को पहलगाम की बैसरन घाटी में जो कुछ भी हुआ उसने पूरे देश को हिला कर रख दिया। दहशतगर्दों ने घात लगाकर हमला किया और इस कायराना हरकत में 26 निर्दोष लोगों की जान चली गई। कई और लोग इस गोलीबारी में बुरी तरह से घायल हो गए। इस दर्दनाक घटना के बाद से ही लोगों के दिलों में गुस्सा और दुख का माहौल है।
इस आतंकी हमले के विरोध में हैदराबाद में एक कैंडल मार्च निकाला गया जिसमें हर वर्ग और समुदाय के लोग शामिल हुए। इस मौके पर मुख्यमंत्री रेवंत रेड्डी भी मौजूद थे और उन्होंने अपने संबोधन में पाकिस्तान को कड़ी चेतावनी दी। उनका गुस्सा साफ झलक रहा था जब उन्होंने कहा कि अब पाकिस्तान को सबक सिखाने का वक्त आ गया है।
मुख्यमंत्री रेड्डी ने तो यहां तक कह दिया कि अगर जरूरत पड़े तो पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर को भी भारत में मिला लेना चाहिए! उनके इस बयान से वहां मौजूद लोगों में जोश भर गया और तालियों की गड़गड़ाहट सुनाई दी। इस कैंडल मार्च में एआईएमआईएम प्रमुख सांसद असदुद्दीन ओवैसी और कांग्रेस के वरिष्ठ नेता सलमान खुर्शीद समेत कई अन्य दलों के नेता और आम नागरिक भी शामिल हुए। सबकी एक ही मांग थी - ऐसी घटनाओं को रोकने के लिए निर्णायक कार्रवाई की जाए।
मुख्यमंत्री रेवंत रेड्डी ने केंद्र सरकार से अपील करते हुए कहा "अगर पहलगाम जैसी घटनाओं को रोकना है तो केंद्र सरकार की ओर से निर्णायक कार्रवाई जरूरी है।" उन्होंने प्रधानमंत्री मोदी से दुर्गा मां को याद कर कड़ी कार्रवाई करने का आग्रह किया चाहे वह पाकिस्तान पर हमला हो या कोई और कदम। उन्होंने साफ शब्दों में कहा कि यह समझौता करने का समय नहीं है और भारत को उसी भाषा में जवाब देना चाहिए जो दुश्मन समझता है। उन्होंने यह भी कहा कि इस मुश्किल घड़ी में 140 करोड़ भारतीय सरकार के साथ खड़े हैं।
रेवंत रेड्डी ने तो यहां तक कह दिया कि पाकिस्तान को दो टुकड़ों में बांट देना चाहिए और पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर को भारत में मिला लेना चाहिए। उन्होंने इंदिरा गांधी के साहसिक कदमों को भी याद दिलाया।
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