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Up Kiran, Digital Desk: हिंदू ग्रंथों और वास्तु शास्त्र के अनुसार, शरीर पर पहनी जाने वाली हर वस्तु व्यक्ति की ऊर्जा, किस्मत और मानसिक स्थिति को प्रभावित करती है। आम तौर पर लोग धातु के गहनों जैसे सोने और चांदी के मामले में वास्तु के नियमों का पालन करते हैं, लेकिन कृत्रिम गहनों के साथ वे लापरवाही बरतते हैं। जबकि शास्त्रों में यह स्पष्ट रूप से कहा गया है कि नकली या मिश्रित धातुओं से बने गहने भी सकारात्मक और नकारात्मक ऊर्जा को आकर्षित करते हैं।

आजकल, कृत्रिम गहने फैशन और बजट दोनों के लिहाज से प्रचलित हैं, लेकिन इन्हें पहनते समय और रखे जाने पर वास्तु नियमों की अनदेखी करने से यह जीवन में रुकावट, तनाव और दुर्भाग्य का कारण बन सकते हैं।

वास्तु के अनुसार कृत्रिम गहनों को रखने की सही दिशा

वास्तु शास्त्र के अनुसार, महंगे और खास अवसरों पर पहने जाने वाले कृत्रिम गहनों को घर की उत्तर दिशा में रखना शुभ माना जाता है। उत्तर दिशा को धन के देवता कुबेर की दिशा माना जाता है। यहां रखे गए गहनों में सकारात्मक ऊर्जा का संचार रहता है और वे लंबे समय तक खराब नहीं होते। अगर गहनों को अलमारी में रखा जाए, तो अलमारी का स्थान उत्तर दिशा में होना चाहिए और उसका मुंह पूर्व दिशा की ओर खुलना चाहिए।

रोज़ाना पहनने वाले कृत्रिम गहनों के लिए उपयुक्त स्थान

जो कृत्रिम गहने रोज़ाना पहने जाते हैं, जैसे कान की बालियां, लॉकेट और कंगन, उन्हें उत्तर-पश्चिम दिशा में रखना उपयुक्त माना जाता है। यह दिशा परिवर्तन और संतुलन का प्रतीक है, जिससे जीवन में स्थिरता बनी रहती है।

गहनों की सफाई का वास्तु महत्व

हिंदू शास्त्रों के अनुसार, स्वच्छता से सकारात्मक ऊर्जा का वास होता है। कृत्रिम गहनों की नियमित सफाई बहुत ज़रूरी है। गंदे, धूल से भरे या पसीने से खराब गहने नकारात्मक ऊर्जा को आकर्षित करते हैं, जिससे मानसिक अशांति और भाग्य में रुकावट हो सकती है।

टूटे या खराब कृत्रिम गहनों का न पहनना

वास्तु शास्त्र के अनुसार, टूटे, जंग लगे या खराब गहनों का पहनना अशुभ माना जाता है। ऐसे गहने दुर्भाग्य, तनाव और आर्थिक नुकसान का कारण बन सकते हैं। यदि गहने मरम्मत योग्य हैं, तो उन्हें ठीक कर पहनें, अन्यथा उन्हें त्याग देना ही बेहतर माना जाता है।

वास्तु उपाय: कृत्रिम गहनों से नकारात्मकता दूर करने के तरीके

गहनों को पहनने से पहले उन्हें सूर्य की रोशनी या अगरबत्ती से शुद्ध करें।

शुक्रवार के दिन गहनों की सफाई करें।

देवी लक्ष्मी या माता पार्वती का स्मरण करके गहनों को पहनें।

इन उपायों को अपनाकर आप अपनी जीवन में सकारात्मकता और खुशहाली का अनुभव कर सकते हैं।