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Up Kiran, Digital Desk: आजकल हर किसी की जुबान पर एक ही नाम है - ओज़ेम्पिक (Ozempic)। सोशल मीडिया इन्फ्लुएंसर से लेकर बड़े-बड़े सेलिब्रिटी, सब इसे वजन घटाने का "मैजिक शॉट" बताकर प्रचार कर रहे हैं। एक समय डायबिटीज के लिए इस्तेमाल होने वाली यह दवा अब रातों-रात किलो-किलो वजन घटाने का एक आसान समाधान बन गई है।

लेकिन सोशल मीडिया पर दिखाई जाने वाली खूबसूरत तस्वीरों और "पहले-बाद" के नतीजों के पीछे एक जटिल मेडिकल कहानी छिपी है, जो उतनी सीधी नहीं है। इस मामले को बेहतर ढंग से समझने के लिए हमने मणिपाल अस्पताल के बैरिएट्रिक सर्जरी विभाग के निदेशक डॉ. जी. मोइनुद्दीन से बात की। उन्होंने बताया कि ओज़ेम्पिक उतना भी चमत्कारी नहीं है, जितना हम सोच रहे हैं।

आखिर यह ओज़ेम्पिक है क्या बला: डॉ. मोइनुद्दीन बताते हैं, “ओज़ेम्पिक एक ब्रांड का नाम है, जिसका असली घटक सेमाग्लूटाइड (semaglutide) है। यह हमारे शरीर में मौजूद एक प्राकृतिक हार्मोन की नकल करता है, जो ब्लड शुगर और भूख को नियंत्रित करता है। यह पाचन प्रक्रिया को धीमा कर देता है और भोजन को लंबे समय तक पेट में रखता है। नतीजतन, आपको पेट भरा हुआ महसूस होता है और आप कम खाते हैं।”

मूल रूप से, यह दवा टाइप-2 डायबिटीज के इलाज के लिए बनाई गई थी, खासकर उन रोगियों के लिए जो सिर्फ खान-पान, व्यायाम या मुँह से लेने वाली दवाओं से शुगर को नियंत्रित नहीं कर पा रहे थे। लेकिन समय के साथ, डॉक्टरों ने एक आश्चर्यजनक साइड इफेक्ट देखा रोगियों का वजन काफी कम हो रहा था। इसी खोज ने मोटापे के इलाज में सेमाग्लूटाइड के इस्तेमाल का रास्ता खोल दिया। जल्द ही इसका एक उच्च-खुराक वाला संस्करण, जिसका नाम वेगॉवी (Wegovy) है, भारतीय बाजार में आने वाला है।

तो क्या यह वाकई 'जादुई इंजेक्शन' है? जवाब है - नहीं!

डॉ. मोइनुद्दीन के अनुसार, असली सच यह है कि ओज़ेम्पिक तभी सबसे अच्छा काम करता है जब इसे स्वस्थ खान-पान और नियमित व्यायाम के साथ इस्तेमाल किया जाए। वह चेतावनी देते हैं, “यह कोई जादुई इंजेक्शन नहीं है। इस दवा से भूख कम लगती है इसलिए वजन कम होता है। लेकिन जैसे ही आप इसे लेना बंद करेंगे, ज्यादातर लोगों का वजन वापस आ जाएगा, अगर उन्होंने अपनी जीवनशैली में कोई स्थायी बदलाव नहीं किया है।”

वह आगे कहते हैं, “डॉक्टर की सलाह के बिना लोगों को ओज़ेम्पिक का इस्तेमाल नहीं करना चाहिए। यह एक डॉक्टर के पर्चे पर मिलने वाली दवा है, जो खास मरीजों के लिए बनी है, उनके लिए नहीं जो जल्दी से वजन कम करना चाहते हैं।”

इन खतरों को नज़रअंदाज़ मत कीजिए: ओज़ेम्पिक के इस्तेमाल से सामान्य मतली से लेकर अग्नाशयशोथ (पैंक्रियास में सूजन), पित्ताशय की थैली (गॉलब्लैडर) की समस्याएं और थायराइड जैसी गंभीर समस्याएं हो सकती हैं।
“जिन लोगों को थायराइड, पित्ताशय में पथरी या अग्नाशय की समस्या है, उन्हें इसे पूरी तरह से टालना चाहिए,” डॉ. मोइनुद्दीन कहते हैं। “दूसरों के लिए भी, इसे केवल डॉक्टर की देखरेख में नियमित फॉलो-अप और रक्त जांच के साथ ही इस्तेमाल किया जाना चाहिए।”

लंबे समय तक इसके इस्तेमाल की सुरक्षा पर अभी भी सीमित डेटा है। डॉक्टर सावधान हैं क्योंकि इसके दीर्घकालिक प्रभाव क्या हो सकते हैं, यह अभी तक अज्ञात है। वजन तो शायद कम हो जाएगा, लेकिन आप शायद अपने दूसरे अंगों को खतरे में डाल देंगे।

पतले होने की असली कीमत क्या है: स्वास्थ्य जोखिमों के अलावा, इसकी लागत भी बहुत ज़्यादा है। ओज़ेम्पिक की एक महीने की सप्लाई का खर्च ₹10,000 से ₹20,000 तक आ सकता है। लंबे समय तक इस्तेमाल के लिए यह एक बहुत बड़ा निवेश है। कई लोगों के लिए यह वित्तीय बोझ उठाना संभव नहीं होता और जैसे ही वे दवा बंद करते हैं, वजन अक्सर वापस आ जाता है।