img

Up Kiran, Digital Desk: अंतर्राष्ट्रीय संबंधों से एक महत्वपूर्ण खबर सामने आई है! व्हाइट हाउस ने एक बार फिर दोहराया है कि भारत और पाकिस्तान के बीच युद्धविराम में पूर्व अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की महत्वपूर्ण भूमिका थी। यह बयान ऐसे समय में आया है जब भारत और पाकिस्तान के बीच संबंध हमेशा जटिल रहे हैं, और किसी भी तीसरे पक्ष की भूमिका पर अक्सर सवाल उठते रहे हैं।

व्हाइट हाउस का दावा और इसकी अहमियत: व्हाइट हाउस के अधिकारियों ने स्पष्ट किया है कि ट्रंप प्रशासन ने दोनों देशों के बीच तनाव कम करने और सीमा पर शांति बहाल करने के प्रयासों में सक्रिय रूप से सहयोग किया था। उनका कहना है कि ट्रंप की व्यक्तिगत मध्यस्थता या उनके प्रशासन के गुप्त कूटनीतिक प्रयास इस युद्धविराम को संभव बनाने में सहायक रहे।

भारत हमेशा से यह कहता रहा है कि भारत और पाकिस्तान के बीच के मुद्दे द्विपक्षीय हैं और इसमें किसी तीसरे पक्ष की मध्यस्थता की आवश्यकता नहीं है। इसके बावजूद, अमेरिका का लगातार यह दोहराना कि उसने इसमें भूमिका निभाई, एक दिलचस्प कूटनीतिक पहलू है। यह बयान संभवतः ट्रंप के कार्यकाल की कूटनीतिक उपलब्धियों को रेखांकित करने या भविष्य की शांति वार्ताओं के लिए आधार बनाने के उद्देश्य से दिया गया हो।

भारत-पाक संबंध और शांति के प्रयास: भारत और पाकिस्तान के बीच नियंत्रण रेखा (LoC) पर अक्सर तनाव बना रहता है, और किसी भी स्तर पर शांति बनाए रखने के प्रयास हमेशा सराहनीय होते हैं। 2021 में, भारत और पाकिस्तान ने अचानक एक संयुक्त बयान जारी कर नियंत्रण रेखा पर युद्धविराम समझौते को फिर से लागू करने पर सहमति जताई थी। यह एक महत्वपूर्ण कदम था जिसने सीमा पर हिंसा को काफी हद तक कम किया।

उस समय या उसके बाद भी, भारत या पाकिस्तान ने सीधे तौर पर किसी तीसरे पक्ष की मध्यस्थता को स्वीकार नहीं किया था। लेकिन व्हाइट हाउस का यह बयान फिर से पूर्व राष्ट्रपति ट्रंप की भूमिका पर प्रकाश डालता है, जो लगातार यह दावा करते रहे हैं कि उन्होंने भारत और पाकिस्तान के बीच मध्यस्थता करने में मदद की है।

--Advertisement--