
Up Kiran, Digital Desk: अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने भारत के साथ प्रस्तावित व्यापार समझौते को लेकर एक बार फिर बड़ा बयान दिया है। उन्होंने स्पष्ट किया है कि भले ही अभी तक कोई अंतिम समझौता नहीं हुआ है, लेकिन यदि वह फिर से सत्ता में आते हैं, तो भारत से होने वाले आयात पर 20 से 25 प्रतिशत तक का भारी शुल्क (टैरिफ) लगाने का संकेत दिया है।
ट्रंप की चेतावनी और उनकी दलील ट्रंप ने यह चेतावनी भारत द्वारा अमेरिकी उत्पादों पर लगाए जा रहे 'बहुत ज़्यादा' टैरिफ के जवाब में दी है। उन्होंने विशेष रूप से हार्ले-डेविडसन मोटरसाइकिल और कारों का उदाहरण दिया, जिन पर भारत उच्च आयात शुल्क लगाता है। ट्रंप ने कहा, "भारत हमारे उत्पादों पर भारी टैरिफ लगाता है, विशेषकर हार्ले-डेविडसन जैसी मोटरसाइकिलों पर। वे उन पर 100% से ज़्यादा शुल्क लगाते थे, जिसे अब घटाकर 50% किया गया है, लेकिन यह अभी भी बहुत ज़्यादा है।"
पूर्व राष्ट्रपति का तर्क है कि अमेरिका को भी भारत से आयातित वस्तुओं पर उसी अनुपात में शुल्क लगाना चाहिए। उन्होंने कहा, "जब हम उनके उत्पादों पर कोई शुल्क नहीं लगाते हैं, और वे हमारे उत्पादों पर 50%, 75% या 100% शुल्क लगाते हैं, तो यह अनुचित है। हमें भी उन पर 20% या 25% शुल्क लगाना चाहिए।" उनका यह बयान 'जैसे को तैसा' वाली नीति को दर्शाता है, जहाँ वे व्यापार में संतुलन और बराबरी चाहते हैं।
भविष्य की योजना: ‘डील अभी नहीं हुई, पर होगी’ ट्रंप ने स्पष्ट किया कि यदि वह 2024 में होने वाले चुनाव जीतकर दोबारा व्हाइट हाउस पहुंचते हैं, तो वह इस टैरिफ दर को लागू करेंगे। उन्होंने कहा, "यह (डील) अभी तक नहीं हुई है, लेकिन जब मैं वापस आऊंगा तो यह हो जाएगी। हम उनसे बहुत कुछ खरीद रहे हैं और वे हम पर शुल्क लगा रहे हैं।"
ट्रंप के इस बयान से भारत-अमेरिका के बीच भविष्य के व्यापार संबंधों को लेकर नई बहस छिड़ गई है। यह देखना दिलचस्प होगा कि उनकी संभावित वापसी की स्थिति में दोनों देशों के बीच व्यापारिक समीकरण किस करवट बदलते हैं। यह बयान ऐसे समय में आया है जब भारत दुनिया की तेजी से बढ़ती अर्थव्यवस्थाओं में से एक है और दोनों देशों के बीच व्यापार संबंध लगातार मजबूत हो रहे हैं। हालांकि, ट्रंप के इस रुख से व्यापारिक मोर्चे पर कुछ चुनौतियां आ सकती हैं।
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