
वाशिंगटन से एक बार फिर अमेरिका और ईरान के बीच बढ़ते तनाव को लेकर बड़ी खबर सामने आई है। ईरान के परमाणु कार्यक्रम को लेकर अमेरिका ने पहले भी कड़ा रुख अपनाया है और अब एक बार फिर पूर्व अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने इस मुद्दे पर तीखी प्रतिक्रिया दी है। ट्रंप ने साफ कहा है कि अगर ईरान से बातचीत विफल रही तो उसके लिए गंभीर परिणाम हो सकते हैं।
ईरान का बढ़ता परमाणु कार्यक्रम चिंता का विषय
ईरान लंबे समय से अपने परमाणु कार्यक्रम को आगे बढ़ा रहा है, और इस पर अंतरराष्ट्रीय स्तर पर कई बार चिंता जताई जा चुकी है। अंतर्राष्ट्रीय परमाणु ऊर्जा एजेंसी (IAEA) ने भी समय-समय पर ईरान की गतिविधियों पर रिपोर्ट जारी करते हुए चेतावनी दी है कि उसका यह कार्यक्रम वैश्विक सुरक्षा के लिए खतरा बन सकता है। अमेरिका भी लगातार यह कहता आया है कि वह ईरान को किसी भी कीमत पर परमाणु हथियार संपन्न देश नहीं बनने देगा।
डोनाल्ड ट्रंप की चेतावनी: बातचीत नहीं हुई सफल तो खतरा तय
पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने हाल ही में इजरायल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू से मुलाकात के बाद पत्रकारों से बात करते हुए कहा कि अमेरिका अब ईरान के साथ सीधे बातचीत शुरू करेगा। उन्होंने यह भी बताया कि बातचीत शनिवार से शुरू होगी और उन्हें उम्मीद है कि इस बातचीत से कोई समाधान निकलेगा। हालांकि, उन्होंने चेतावनी भी दी कि अगर यह प्रयास असफल रहता है, तो ईरान को इसका गंभीर खामियाजा भुगतना पड़ सकता है।
ट्रंप ने कहा, “हम तेहरान से सीधे बात कर रहे हैं और शायद कोई समझौता हो जाए, लेकिन अगर ऐसा नहीं हुआ तो ईरान बहुत बड़े खतरे में पड़ सकता है। मैं यह कहना पसंद नहीं करता, लेकिन सच यही है।”
क्या अमेरिका सैन्य कार्रवाई की तैयारी में है?
जब पत्रकारों ने ट्रंप से पूछा कि क्या समझौता न होने की स्थिति में अमेरिका सैन्य कार्रवाई करेगा, तो उन्होंने सीधे तौर पर जवाब नहीं दिया लेकिन संकेत दिया कि स्थिति काफी गंभीर हो सकती है। ट्रंप ने कहा, “अगर बातचीत नहीं होती है, तो यह ईरान के लिए बेहद बुरा साबित हो सकता है।”
ईरान-अमेरिका संबंधों में बढ़ती तल्खी
ईरान और अमेरिका के रिश्ते लंबे समय से तनावपूर्ण रहे हैं। 2018 में डोनाल्ड ट्रंप ने जब अमेरिका को ईरान न्यूक्लियर डील (JCPOA) से बाहर किया था, तभी से दोनों देशों के बीच रिश्ते और खराब हो गए। इसके बाद से ईरान ने भी अपने परमाणु कार्यक्रम की गति तेज कर दी, जिससे अंतरराष्ट्रीय समुदाय में चिंता बढ़ी।
अब जबकि अमेरिका फिर से ईरान से बातचीत की कोशिश कर रहा है, यह देखना दिलचस्प होगा कि क्या दोनों पक्ष किसी समझौते पर पहुंच पाते हैं या यह तनातनी और बढ़ती है।