Up Kiran, Digital Desk: भारत अब वैश्विक व्यापार में अपनी छाप छोड़ने के लिए कमर कस रहा है! हाल ही में ग्लोबल ट्रेड रिसर्च इनिशिएटिव (GTRI) ने सरकार के एक बहुत बड़े कदम की सराहना की है, जिसमें 25,060 करोड़ रुपये का 'निर्यात प्रोत्साहन मिशन' (Export Promotion Mission) शुरू किया गया है। GTRI का मानना है कि यह मिशन देश के निर्यात को एक ज़बरदस्त बढ़ावा देगा और अंतरराष्ट्रीय बाज़ारों में भारत की स्थिति को मज़बूत करेगा। यह उन लोगों के लिए एक बड़ी ख़बर है, जो भारत की अर्थव्यवस्था को आगे बढ़ते देखना चाहते हैं!
आखिर क्या है यह 'निर्यात प्रोत्साहन मिशन' और ये इतना महत्वपूर्ण क्यों है? सरल भाषा में कहें तो, यह एक ऐसी योजना है, जिसके तहत सरकार उन कंपनियों या उद्योगों की मदद करती है, जो अपने सामान को विदेश भेजना चाहते हैं। 25,060 करोड़ रुपये जैसी इतनी बड़ी रकम का मतलब है कि सरकार निर्यातकों को वित्तीय सहायता, प्रशिक्षण, नए बाज़ारों तक पहुँच बनाने में मदद और उत्पादों की गुणवत्ता सुधारने में समर्थन देगी। GTRI जैसी संस्थाएं इस कदम को इसलिए सरा रही हैं, क्योंकि उनका मानना है कि ऐसे ठोस उपाय ही भारत के उत्पादों को दुनियाभर में लोकप्रिय बना सकते हैं।
इस मिशन से सिर्फ बड़ी कंपनियों को ही नहीं, बल्कि छोटे और मध्यम उद्योगों (MSMEs) को भी बहुत फायदा होगा। जब ये उद्योग विदेश में अपना माल बेचते हैं, तो देश में रोज़गार बढ़ते हैं, ज़्यादा उत्पादन होता है, और हमारी अर्थव्यवस्था मज़बूत होती है। यह मिशन भारत के लिए 'आत्मनिर्भर भारत' और 'मेक इन इंडिया' जैसी पहलों को भी बढ़ावा देगा, क्योंकि जब हमारे अपने उत्पाद दुनिया के कोने-कोने में पहुँचेंगे, तभी हम वास्तव में एक मज़बूत आर्थिक शक्ति बन पाएंगे।
यह सिर्फ आंकड़ों का खेल नहीं है, बल्कि यह करोड़ों भारतीयों के लिए बेहतर भविष्य का सपना है। जब हमारा निर्यात बढ़ता है, तो देश के खज़ाने में विदेशी मुद्रा आती है, जिससे हमारी अर्थव्यवस्था को और मजबूती मिलती है। आने वाले समय में ये मिशन कितना सफल होता है, यह देखना दिलचस्प होगा, लेकिन इतना तो तय है कि सरकार ने एक बड़ा दांव खेला है, जिसका उद्देश्य भारत को वैश्विक व्यापार में एक बड़ा खिलाड़ी बनाना है।
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