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Up Kiran, Digital Desk: नोटबंदी के दौर में "सोनम गुप्ता बेवफा है" जैसी पंक्ति ने खूब सुर्खियां बटोरी थीं, लेकिन अब पंजाब की एक महिला ‘हरप्रीत कौर’ का मामला उससे कहीं ज्यादा सनसनीखेज और हैरान करने वाला बनकर सामने आया है। इस बार बेवफाई का आरोप सिर्फ भावनाओं तक सीमित नहीं है यह मामला करोड़ों की ठगी, फर्जी सगाइयों और वीडियो कॉल के जरिए अंतरराष्ट्रीय जालसाज़ी का है, जिसमें दर्जनों परिवारों की उम्मीदें और पूंजी दोनों डूब गईं।
कनाडा में दिखाया सपना, पंजाब में की गई लूट
लुधियाना की रहने वाली सुखदर्शन कौर और उनकी बेटी हरप्रीत कौर ने कथित रूप से पंजाब के कम से कम सात युवकों को शादी का झांसा देकर करोड़ों की ठगी की। कहानी कुछ इस तरह बुनी गई कि हरप्रीत कनाडा में स्टूडेंट वीज़ा पर गई और अब वहां वर्क परमिट पर स्थायी रूप से रह रही है। यही नहीं, पीड़ितों को हरप्रीत की तस्वीरें और वीडियो कॉल्स के ज़रिए यह यकीन दिलाया गया कि वे एक एनआरआई लड़की से शादी करने जा रहे हैं।
फर्जी सगाइयों का खेल: होटल से पकड़ाए ठग
पुलिस के अनुसार, यह रैकेट बेहद योजनाबद्ध तरीके से काम कर रहा था। सुखदर्शन कौर अपने बेटे मनप्रीत सिंह और साथी अशोक कुमार के साथ मिलकर शादी की तैयारियों का नाटक करतीं, और वीडियो कॉल पर हरप्रीत की मौजूदगी दिखाकर सगाई तक करवा देतीं। एक मामले में तो दोराहा के एक होटल में नकली सगाई समारोह आयोजित किया जा रहा था, जब पुलिस ने छापा मारकर तीनों को रंगे हाथों पकड़ लिया। यह छापा 10 जुलाई 2025 को खन्ना पुलिस द्वारा मारा गया था।
अखबारों और बिचौलियों से शिकार ढूंढती थी ‘मां’
इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के अनुसार, सुखदर्शन कौर अखबारों में वैवाहिक विज्ञापन छपवाकर या स्थानीय दलालों के माध्यम से उन परिवारों को निशाना बनाती थीं जो अपनी बेटियों या बेटों की शादी एनआरआई से करवाना चाहते थे। इन परिवारों को बताया जाता था कि हरप्रीत कनाडा में पढ़ाई पूरी कर अब वर्क परमिट पर स्थायी हो गई है। भरोसा दिलाने के लिए हर बार हरप्रीत खुद वीडियो कॉल पर सामने आती, लेकिन कभी भारत नहीं आती थी।
शादी के नाम पर वसूले लाखों, सपनों का सौदा
हर सगाई के बदले सुखदर्शन 20 लाख रुपये तक की मांग करती थीं। बातचीत के बाद यह राशि घटकर 15 से 18 लाख तक तय हो जाती। यह रकम अक्सर बैंक ट्रांसफर के ज़रिए ली जाती, ताकि पीड़ितों को लगे कि सब कुछ वैध और व्यवस्थित है। कई मामलों में युवकों के परिवारों ने ज़मीनें गिरवी रखीं, मवेशी बेचे, यहां तक कि कर्ज भी लिया। एक पीड़ित परिवार ने 18 लाख रुपये केवल इस भरोसे पर दिए कि यह राशि कनाडा में बेटी की पढ़ाई और सेटलमेंट में लगी थी। वहीं, एक अन्य मामले में 10 लाख रुपये 'ट्यूशन फीस', 'एयर टिकट' और 'पर्सनल खर्च' के नाम पर लिए गए।
वॉट्सऐप ऑडियो से खुली पोल, बैंक खातों में डेढ़ करोड़ की जांच
इस फ्रॉड का भांडा तब फूटा जब बठिंडा निवासी एक युवक को गलती से सुखदर्शन कौर का एक वॉयस नोट मिल गया, जिसमें वह एक और व्यक्ति से पैसे वसूलने की बात कर रही थीं। पुलिस को जब शक हुआ तो जांच में सामने आया कि पिछले दो वर्षों में मां-बेटे के खातों से करीब 1.6 करोड़ रुपये का ट्रांजैक्शन हुआ है।
अब पुलिस हरप्रीत कौर के खिलाफ लुकआउट सर्कुलर जारी करने की तैयारी कर रही है। वहीं इस पूरे मामले में भारतीय दंड संहिता की धारा 316(2), 318(4) और 61(2) के तहत केस दर्ज किया गया है।
विदेश जाने की ललक, और उसमें छुपी जालसाज़ी
यह मामला सिर्फ धोखाधड़ी का नहीं, बल्कि उन भावनाओं के शोषण का भी है जो पंजाब जैसे राज्यों के युवाओं में विदेश बसने की तीव्र इच्छा से जुड़ी है। एनआरआई जीवन के सपने दिखाकर जिस तरह एक मां-बेटी ने भरोसे और रिश्तों का सौदा किया, वह सोचने पर मजबूर करता है कि कैसे आधुनिक तकनीक और सामाजिक आकांक्षाएं अपराधियों के हथियार बन रही हैं।
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