img

Up Kiran, Digital Desk: गुजरात ने नशीले पदार्थों के खिलाफ अपनी लड़ाई में एक और बड़ा और निर्णायक कदम उठाया है। राज्य सरकार ने कच्छ जिले के भचाऊ में 875 करोड़ रुपये से अधिक मूल्य के नशीले पदार्थों को सार्वजनिक रूप से नष्ट कर दिया। यह कार्रवाई राज्य के गृह मंत्री हर्ष संघवी की उपस्थिति में की गई, जो नशे के कारोबार पर नकेल कसने की सरकार की दृढ़ प्रतिबद्धता को दर्शाती है।

इस विशाल जखीरे में विभिन्न प्रकार के प्रतिबंधित नशीले पदार्थ शामिल थे, जैसे हेरोइन, मेफेड्रोन (एमडी), चरस, गांजा और अन्य सिंथेटिक ड्रग्स। इन सभी को पिछले अभियानों के दौरान पुलिस और नारकोटिक्स विभाग द्वारा जब्त किया गया था। इन्हें वैज्ञानिक और सुरक्षित तरीके से जलाकर नष्ट किया गया, ताकि ये दोबारा किसी भी तरह से बाजार तक न पहुँच सकें।

नशामुक्त भारत' का संकल्प: यह कार्रवाई प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के 'नशामुक्त भारत' के दृष्टिकोण के तहत की जा रही है। गुजरात सरकार ने नशे के खिलाफ 'जीरो टॉलरेंस' की नीति अपनाई है और लगातार ऐसे बड़े अभियानों को अंजाम दे रही है। इसका मुख्य उद्देश्य युवाओं को नशे की गिरफ्त से बचाना, ड्रग तस्करी के नेटवर्क को तोड़ना और एक स्वस्थ समाज का निर्माण करना है।

गृह मंत्री हर्ष संघवी ने इस अवसर पर कहा कि यह कार्रवाई अपराधियों के लिए एक कड़ा संदेश है कि गुजरात में नशे के कारोबार के लिए कोई जगह नहीं है। उन्होंने पुलिस और नारकोटिक्स विभाग के अधिकारियों की सराहना की जिन्होंने कड़ी मेहनत से इन नशीले पदार्थों को जब्त किया और इस पूरे नेटवर्क का भंडाफोड़ किया।

पिछले कुछ समय से गुजरात में नशीले पदार्थों के खिलाफ लगातार बड़े पैमाने पर अभियान चलाए जा रहे हैं। तटीय सीमा और पड़ोसी राज्यों से होने वाली तस्करी पर विशेष ध्यान दिया जा रहा है। इस तरह के बड़े पैमाने पर नशीले पदार्थों को नष्ट करने का अभियान न केवल सार्वजनिक सुरक्षा सुनिश्चित करता है, बल्कि नागरिकों में यह विश्वास भी जगाता है कि सरकार और कानून प्रवर्तन एजेंसियां इस गंभीर खतरे से निपटने के लिए पूरी तरह से सक्रिय हैं।

--Advertisement--