
Up Kiran, Digital Desk: दक्षिण अफ्रीका ने क्रिकेट इतिहास में एक नया अध्याय जोड़ते हुए, लॉर्ड्स में खेले गए विश्व टेस्ट चैंपियनशिप (WTC) के फाइनल में ऑस्ट्रेलिया को पांच विकेट से हराकर पहली बार यह प्रतिष्ठित खिताब अपने नाम कर लिया है। टेम्बा बावुमा की कप्तानी में टीम ने असाधारण प्रदर्शन करते हुए यह ऐतिहासिक जीत दर्ज की।
मार्करम का हरफनमौला प्रदर्शन और 'प्लेयर ऑफ द मैच' का खिताब
इस शानदार जीत में कई खिलाड़ियों ने महत्वपूर्ण योगदान दिया, लेकिन एडेन मार्करम का हरफनमौला प्रदर्शन सबसे अहम रहा। पहली पारी में बिना खाता खोले आउट होने के बाद, मार्करम ने दूसरी पारी में 136 रनों की एक शानदार और जुझारू पारी खेली, जिसने टीम को जीत की नींव प्रदान की। बल्ले के अलावा उन्होंने दो महत्वपूर्ण विकेट भी चटकाए, जिसके लिए उन्हें 'प्लेयर ऑफ द मैच' चुना गया। उनका यह प्रदर्शन दबाव में बेहतरीन खेल का सटीक उदाहरण है।
बावुमा की संयमित कप्तानी पारी और रबाडा का कहर
कप्तान टेम्बा बावुमा ने भी अपनी संयमित बैटिंग से टीम को मजबूती दी। जब वे केवल 2 रन पर थे, तब ऑस्ट्रेलियाई फील्डर स्टीव स्मिथ ने उनका एक आसान कैच छोड़ दिया, जो मैच का निर्णायक मोड़ साबित हुआ। इस जीवनदान के बाद बावुमा ने 66 रनों की अहम पारी खेली, जिसने मैच की दिशा ही पलट दी।
गेंदबाजी में कगिसो रबाडा ने अपना कहर बरपाया। उन्होंने दोनों पारियों में मिलाकर कुल 9 विकेट झटके और ऑस्ट्रेलियाई बैटिंग क्रम की कमर तोड़ दी। उनकी धारदार गेंदबाजी ने ऑस्ट्रेलियाई बल्लेबाजों को टिकने नहीं दिया।
ऑस्ट्रेलियाई बैटिंग का निराशाजनक प्रदर्शन
ऑस्ट्रेलिया की हार का एक बड़ा कारण उनकी फ्लॉप बैटिंग भी रही। दोनों पारियों में ऑस्ट्रेलियाई बल्लेबाज लंबी साझेदारी बनाने और बड़े स्कोर खड़ा करने में नाकाम रहे। दूसरी पारी में लुंगी एनगिडी की शानदार गेंदबाजी ने ऑस्ट्रेलिया की रही-सही उम्मीदों पर पानी फेर दिया।
इस जीत के साथ, दक्षिण अफ्रीका ने 27 साल बाद किसी ICC टूर्नामेंट में वापसी की है और टेस्ट क्रिकेट में विश्व चैंपियन बनने का गौरव पहली बार हासिल किया है। यह जीत न केवल दक्षिण अफ्रीकी क्रिकेट के लिए बल्कि देश के लिए भी एक बड़ा मील का पत्थर है।
--Advertisement--