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Up Kiran, Digital Desk: दलीप ट्रॉफी 2025 के फाइनल में सेंट्रल ज़ोन ने साउथ ज़ोन को हराकर सातवीं बार खिताब जीत लिया। यह जीत खास इसलिए रही क्योंकि टीम ने 11 वर्षों के लंबे इंतजार के बाद ट्रॉफी पर कब्जा किया। मुकाबला बेंगलुरु के बीसीसीआई सेंटर ऑफ एक्सीलेंस ग्राउंड पर 11 से 15 सितंबर के बीच खेला गया।

साउथ ज़ोन की पहली पारी: शुरुआत अच्छी, अंत कमजोर
टॉस जीतकर पहले बल्लेबाजी करने उतरी साउथ ज़ोन की टीम ने शुरुआत में कुछ अच्छे शॉट खेले, लेकिन सेंट्रल ज़ोन के गेंदबाज़ों की सटीक लाइन-लेंथ के सामने टिक नहीं पाई। टीम मात्र 149 रनों पर ढेर हो गई।
सारांश जैन ने पाँच विकेट झटके, जबकि कुमार कार्तिकेय ने चार बल्लेबाज़ों को पवेलियन भेजा।

सेंट्रल ज़ोन की पहली पारी: पाटीदार-राठौड़ का जलवा
बल्लेबाज़ी में सेंट्रल ज़ोन ने एकतरफा प्रदर्शन किया। कप्तान रजत पाटीदार और यश राठौड़ ने शतक जड़कर टीम को मज़बूत स्थिति में पहुँचा दिया। पूरी टीम ने 511 रनों का विशाल स्कोर खड़ा किया।

साउथ ज़ोन की दूसरी पारी: संघर्ष और सहारा
पहली पारी में पिछड़ने के बाद साउथ ज़ोन ने दूसरी पारी में अच्छी वापसी की।
आंद्रे सिद्धार्थ और अंकित शर्मा ने अहम पारियां खेलीं। पूरी टीम ने 426 रन बनाए और सेंट्रल ज़ोन को जीत के लिए 65 रन का लक्ष्य दिया।

रन चेज़ में शुरुआती झटके, फिर जीत की ओर कदम
सेंट्रल ज़ोन की दूसरी पारी की शुरुआत खराब रही। दानिश मालेवार, शुभम शर्मा और सारांश जैन जल्दी आउट हो गए।
लेकिन अक्षय वाडकर (19*) और यश राठौड़ (13*) की संयमित बल्लेबाज़ी ने टीम को छह विकेट से ऐतिहासिक जीत दिलाई।

क्या कहता है यह प्रदर्शन?

सेंट्रल ज़ोन की टीम ने साबित किया कि एकजुटता और संयम से बड़े मुकाबले जीते जा सकते हैं।

गेंदबाज़ी से लेकर बल्लेबाज़ी तक, हर विभाग में संतुलन दिखा।