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Up Kiran, Digital Desk: अच्छी खबर है! भारत में खाद्य तेलों की कीमतें जल्द ही घटने वाली हैं। ऐसा इसलिए हो रहा है क्योंकि रिफाइनरियों ने कच्चे पाम तेल (CPO) पर सीमा शुल्क (कस्टम ड्यूटी) में कटौती का लाभ उपभोक्ताओं तक पहुंचाना शुरू कर दिया है। सरकार की इस पहल से घरेलू बाजार में खाद्य तेलों के दाम कम होंगे, जिससे आम जनता को बड़ी राहत मिलेगी।

सरकार ने घरेलू स्तर पर खाद्य तेलों की कीमतों को नियंत्रित करने और उपभोक्ताओं को महंगाई से बचाने के लिए हाल ही में कच्चे पाम तेल पर आयात शुल्क में 5.5% की कमी की घोषणा की थी। यह कटौती कृषि अवसंरचना विकास उपकर (AIDC) को 5% से घटाकर 0% करने के माध्यम से की गई है, जबकि प्रभावी आयात शुल्क को 13.75% से घटाकर 8.25% कर दिया गया है।

उद्योग विशेषज्ञों और व्यापारियों ने उम्मीद जताई है कि इस कटौती का असर जल्द ही खुदरा कीमतों पर दिखेगा। सॉल्वेंट एक्सट्रैक्टर्स एसोसिएशन ऑफ इंडिया (SEA) ने भी रिफाइनरियों से आग्रह किया था कि वे इस शुल्क कटौती का पूरा लाभ बिना किसी देरी के उपभोक्ताओं तक पहुंचाएं।

सीईओ बी.वी. मेहता ने कहा कि "शुल्क में कमी से तत्काल प्रभाव से आयात लागत कम होगी। यह रिफाइनरियों की जिम्मेदारी है कि वे इसका पूरा लाभ उपभोक्ताओं तक पहुंचाएं, जिससे खाद्य तेल की कीमतें 3-4 रुपये प्रति किलोग्राम तक कम हो सकती हैं।"

बाजार के जानकारों का कहना है कि अगले एक हफ्ते के भीतर खुदरा बाजार में खाद्य तेलों, खासकर पाम तेल और उसके डेरिवेटिव्स की कीमतों में कमी देखी जा सकती है। इससे सोयाबीन तेल और सूरजमुखी तेल जैसी अन्य खाद्य तेल श्रेणियों पर भी सकारात्मक प्रभाव पड़ेगा।

यह कदम ऐसे समय में आया है जब वैश्विक बाजारों में खाद्य तेलों की कीमतों में लगातार उतार-चढ़ाव देखा जा रहा है। सरकार का यह हस्तक्षेप घरेलू उपभोक्ताओं को बढ़ती कीमतों से बचाने और त्योहारों से पहले राहत प्रदान करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा।

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