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Up Kiran, Digital Desk: अगस्त महीने में देश भर में पड़ी उमस भरी गर्मी के कारण बिजली की मांग आसमान पर पहुंच गई, जिसका सीधा असर इंडियन एनर्जी एक्सचेंज (IEX) के कारोबार पर देखने को मिला. देश के इस सबसे बड़े पावर एक्सचेंज पर बिजली की ट्रेडिंग पिछले साल के मुकाबले लगभग 19% बढ़कर 11,803 मिलियन यूनिट (MU) के रिकॉर्ड स्तर पर पहुंच गई.

यह उछाल दिखाता है कि जब भी राज्यों और बड़ी कंपनियों को अचानक या कम समय के लिए अतिरिक्त बिजली की ज़रूरत पड़ती है, तो वे IEX जैसे ओपन मार्केट का रुख करते हैं.

क्या रहे इस उछाल के बड़े कारण?

बढ़ती गर्मी और उमस: मौसम विभाग के अनुसार, अगस्त का महीना पिछले कई सालों में सबसे गर्म और सबसे कम बारिश वाला रहा. इसके कारण एयर कंडीशनर (AC) और कूलिंग सिस्टम का इस्तेमाल खूब हुआ, जिससे बिजली की खपत बढ़ गई.

सस्ती बिजली: IEX पर बिजली की औसत कीमत पिछले साल के मुकाबले 17% कम होकर ₹6.89 प्रति यूनिट रह गई. सस्ती दरों के कारण राज्यों की बिजली वितरण कंपनियों (डिस्कॉम) ने पॉवर प्लांट्स से सीधे बिजली खरीदने की बजाय एक्सचेंज से खरीदना ज़्यादा पसंद किया.

किन सेगमेंट में हुई सबसे ज़्यादा बढ़ोतरी?

डे-अहेड मार्केट (DAM): इस सेगमेंट में अगले दिन की बिजली के लिए बोली लगाई जाती है. अगस्त में यहाँ 4,374 MU का कारोबार हुआ, जो पिछले साल से 38% ज़्यादा है.

रियल-टाइम इलेक्ट्रिसिटी मार्केट (RTM): जब बिजली की तत्काल ज़रूरत होती है, तो इस मार्केट से खरीदारी की जाती है. यहाँ भी कारोबार 23% बढ़कर 2,932 MU हो गया.

ग्रीन एनर्जी की धूम: पर्यावरण के अनुकूल ऊर्जा (सोलर और पवन ऊर्जा) की ट्रेडिंग में भी जबरदस्त उछाल देखा गया. ग्रीन डे-अहेड मार्केट (GDAM) में पिछले साल के मुकाबले 102% की भारी वृद्धि हुई.

आसान शब्दों में कहें तो, मौसम की मार और बढ़ती औद्योगिक गतिविधियों के कारण जब बिजली की मांग चरम पर पहुंची, तो IEX ने राज्यों और कंपनियों को सही कीमत पर बिजली उपलब्ध कराने में एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाई. यह देश के ऊर्जा बाजार की मज़बूती को भी दिखाता है.