Up Kiran, Digital Desk: एशेज़ से पहले इंग्लैंड के पूर्व क्रिकेटरों ने यह दावा किया था कि बेन स्टोक्स की अगुवाई वाली टीम 2011 के बाद से पहली बार ऑस्ट्रेलिया में टेस्ट मैच जीत सकती है। कई लोगों ने तो यह तक कह दिया था कि इंग्लैंड पूरी सीरीज़ भी जीत सकता है। लेकिन पर्थ में पहले टेस्ट में इंग्लैंड की टीम वह प्रदर्शन नहीं दिखा पाई, जिसकी उम्मीद की जा रही थी। ऑस्ट्रेलिया ने उन्हें हर मोर्चे पर मात दी और मैच को अपनी आसान जीत में बदल दिया।
स्टोक्स की रणनीति पर सवालिया निशान
दूसरे टेस्ट से पहले, जब इंग्लैंड के प्रदर्शन और रणनीति की आलोचना होने लगी, तब बेन स्टोक्स ने बयान दिया कि उनका प्रदर्शन उम्मीदों के अनुरूप नहीं था। हालांकि, उन्होंने यह भी कहा कि वे घमंडी नहीं हैं और बेहतर प्रदर्शन करने की कोशिश करेंगे। इसके बाद स्टोक्स ने टीम में कुछ बदलाव किए, जिसमें विल जैक्स को बल्लेबाजी में शामिल किया गया और एक हैरान करने वाला निर्णय लेते हुए, मार्क वुड को खेल में शामिल कर लिया गया। यह कदम सभी के लिए चौंकाने वाला था, क्योंकि मार्क वुड को गुलाबी गेंद वाले गाबा टेस्ट से बाहर रखा गया था और उम्मीद थी कि उनकी जगह मैथ्यू पॉट्स या जोश टंग में से किसी एक को मौका मिलेगा।
लेकिन इंग्लैंड का यह बदलाव भी उन्हें बचा नहीं पाया।
ऑस्ट्रेलिया ने बढ़त बनाए रखी
पहली पारी में 334 रन बनाने के बाद इंग्लैंड के खिलाड़ी थोड़े खुश नजर आ रहे थे, लेकिन अगले दिन खेल खत्म होने तक उनकी मुस्कान गायब हो गई। ऑस्ट्रेलिया ने शानदार बल्लेबाजी की, जिसमें जेक वेदरल्ड, मार्नस लाबुशेन और स्टीव स्मिथ ने अर्धशतक जड़े।
तीसरे दिन का खेल: इंग्लैंड की उम्मीदें टूटीं
तीसरे दिन को अक्सर मैच में बड़ा मोड़ लाने वाला माना जाता है, लेकिन इंग्लैंड के लिए दिन का खेल काफी निराशाजनक साबित हुआ। ऑस्ट्रेलिया ने अपनी पकड़ और मजबूत कर ली। एलेक्स कैरी ने शानदार अर्धशतक पूरा किया और उनके आउट होने के बाद मिशेल स्टार्क ने भी शानदार बल्लेबाजी की। इंग्लैंड के गेंदबाज, जिन्होंने सिर्फ तीन विशेषज्ञ तेज गेंदबाजों के साथ मैदान पर कदम रखा था, थके हुए नजर आए। इसका पूरा फायदा ऑस्ट्रेलिया ने उठाया। स्टार्क ने 77 रन बनाए और ऑस्ट्रेलिया ने 511 रन का विशाल स्कोर बना लिया, जिससे इंग्लैंड के लिए मैच में वापसी करना मुश्किल हो गया।
इंग्लैंड की दूसरी पारी में भी निराशा
इंग्लैंड से उम्मीद की जा रही थी कि वे दूसरी पारी में आक्रामक खेल दिखाएंगे और ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ बल्ले से जवाब देंगे, लेकिन ऐसा कुछ नहीं हुआ। इंग्लैंड ने फिर से अपनी धीमी गति से खेलने वाली रणनीति अपनाई, जिससे ऑस्ट्रेलिया के लिए विकेट निकालना और भी आसान हो गया। दिन के अंत तक इंग्लैंड ने 134/6 रन बनाए थे और वे अभी भी 43 रन से पीछे थे।

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