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Up Kiran, Digital Desk: तेलंगाना की राजनीति में जुबानी जंग तेज हो गई है। तेलंगाना के एक प्रमुख राजनीतिक नेता एर्राबेल्ली दयाकर राव ने राज्य सरकार पर तीखा हमला बोला है, और आरोप लगाया है कि राज्य में 'दानवी शासन' (Demonic Rule) जारी है। एर्राबेल्ली के इस बयान ने सत्ताधारी दल और विपक्ष के बीच राजनीतिक टकराव को और गहरा कर दिया है।
यह आरोप राज्य में बिगड़ती कानून-व्यवस्था की स्थिति, कथित भ्रष्टाचार, विकास कार्यों में कमी या जनता की समस्याओं के प्रति सरकार की उदासीनता जैसे मुद्दों को लेकर लगाया गया है। 'दानवी शासन' जैसे तीखे शब्दों का इस्तेमाल यह दर्शाता है कि विपक्ष सरकार पर कितने गंभीर आरोप लगा रहा है और वे मौजूदा स्थिति से कितने असंतुष्ट हैं।
एर्राबेल्ली दयाकर राव का यह बयान उस समय आया है जब राज्य में आगामी चुनावों को लेकर राजनीतिक सरगर्मियां तेज हो गई हैं। विपक्षी दल लगातार सरकार की नीतियों और प्रदर्शन पर सवाल उठा रहे हैं, जबकि सत्ताधारी दल अपनी उपलब्धियों को गिना रहा है।
क्या है 'दानवी शासन' का अर्थ? दानवी शासन' शब्द आमतौर पर एक ऐसी सरकार के लिए इस्तेमाल किया जाता है जो लोगों के हितों की अनदेखी करती है, उत्पीड़न करती है, या जहां भ्रष्टाचार और कुशासन का बोलबाला होता है। एर्राबेल्ली का यह आरोप दर्शाता है कि वे सरकार को जनता के लिए हानिकारक मान रहे हैं।
यह बयान निश्चित रूप से तेलंगाना की राजनीति में एक नई बहस को जन्म देगा और सत्ताधारी दल को इस आरोप का जवाब देना होगा। आने वाले दिनों में यह देखना दिलचस्प होगा कि यह जुबानी जंग किस दिशा में जाती है और इसका आगामी चुनावों पर क्या प्रभाव पड़ता है। यह आरोप-प्रत्यारोप का दौर जनता को सरकार के प्रदर्शन का आकलन करने का मौका देगा
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