Up kiran,Digital Desk : पंजाब के फिरोजपुर से एक बड़ी खबर सामने आ रही है। यहां पुलिस और बदमाशों के बीच जबरदस्त मुठभेड़ हुई है। इस मुठभेड़ में 15 नवंबर को हुए हाई-प्रोफाइल मर्डर केस (RSS नेता के बेटे की हत्या) के मुख्य आरोपी का पुलिस ने काम तमाम कर दिया है। पूरी घटना किसी फिल्मी सीन जैसी है, जहां पुलिस हथियार बरामद करने गई थी, लेकिन सामने से गोलियां चल गईं।
आइए, आसान शब्दों में जानते हैं कि आखिर उस श्मशान घाट में हुआ क्या था।
हथियार बरामद करने गई पुलिस पर हमला
कहानी की शुरुआत होती है आरएसएस नेता के बेटे नवीन अरोड़ा की हत्या की जांच से। पुलिस ने इस मामले में मुख्य शूटर बादल (निवासी फिरोजपुर) को गिरफ्तार किया था। बुधवार को पूछताछ के दौरान बादल ने पुलिस को बताया कि हत्या में इस्तेमाल किए गए हथियार शहर के जलालाबाद के माहमूजोईया श्मशान घाट में छिपाकर रखे गए हैं।
हत्या के सबूत और हथियार बरामद करने के लिए पुलिस की एक टीम बादल को लेकर श्मशान घाट पहुंची। पुलिस को जरा भी अंदाजा नहीं था कि वहां मौत उनका इंतजार कर रही है। जैसे ही टीम वहां पहुंची, वहां पहले से घात लगाकर छिपे बैठे दो अन्य बदमाशों ने अचानक पुलिस पर फायरिंग शुरू कर दी।
जवाबी कार्रवाई में मारा गया मुख्य आरोपी
अचानक हुई फायरिंग से एक बार तो अफरा-तफरी मच गई, लेकिन डीएसपी की अगुवाई में पुलिस ने तुरंत मोर्चा संभाला। बदमाशों ने अपने साथी (बादल) को छुड़ाने या पुलिस को नुकसान पहुंचाने के लिए गोलीबारी की, लेकिन यह दांव उल्टा पड़ गया।
दोनों तरफ से हुई इस गोलीबारी (Cross Firing) में पुलिस कस्टडी में मौजूद मुख्य आरोपी बादल को ही गोली लग गई। इसके अलावा एक पुलिस कर्मी ब्लोर सिंह भी घायल हो गए। आनन-फानन में दोनों को फाजिल्का के सरकारी अस्पताल ले जाया गया। वहां डॉक्टरों ने बादल को मृत घोषित कर दिया, जबकि घायल पुलिसकर्मी की हालत खतरे से बाहर बताई जा रही है।
अंधेरे का फायदा उठाकर साथी फरार
गोलीबारी के बीच, वहां छिपे दो बदमाश पुलिस को चकमा देकर भागने में कामयाब हो गए। फिलहाल, पूरा इलाका पुलिस छावनी में तब्दील हो चुका है और फरार बदमाशों की तलाश में छापेमारी जारी है।
क्या था पूरा मामला?
आपको याद दिला दें कि बीती 15 नवंबर को फिरोजपुर सिटी में सरेआम आरएसएस नेता के बेटे नवीन अरोड़ा की गोली मारकर हत्या कर दी गई थी। इस घटना से पूरे शहर में दहशत थी। पुलिस ने तत्परता दिखाते हुए पहले ही तीन आरोपियों—काली, हर्ष और कनव को पकड़ लिया था (जिसमें काली को भी मुठभेड़ के बाद पकड़ा गया था)। अब मुख्य शूटर बादल के एनकाउंटर के बाद पुलिस को उम्मीद है कि इस गैंग की कमर टूट जाएगी।
फिलहाल, पुलिस यह पता लगाने की कोशिश कर रही है कि श्मशान घाट में छिपे वो दो लोग कौन थे और उनके पास हथियार कहां से आए।
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