
Up Kiran, Digital Desk: आज के समय में जब हमारे शहर कंक्रीट के जंगल बनते जा रहे हैं, पेड़-पौधों के लिए जगह कम होती जा रही है। ऐसे में तमिलनाडु के कोयंबटूर शहर ने एक ऐसी पहल की है, जो पूरे देश के लिए एक प्रेरणा बन सकती है। शहर के नगर निगम ने अपने ही मुख्य कार्यालय की छत को एक हरे-भरे बगीचे में बदलने का फैसला किया है।
यह सिर्फ कोई सजावटी गार्डन नहीं होगा। कोयंबटूर नगर निगम अपनी बिल्डिंग की छत पर एक रूफटॉप गार्डन (छत पर बना बगीचा) बना रहा है, जहां तरह-तरह की सब्जियां और साग उगाए जाएंगे।
क्या है इसके पीछे की सोच?
यह पहल कोयंबटूर की हरियाली बढ़ाने और पर्यावरण के प्रति लोगों को जागरूक करने की एक बड़ी मुहिम का हिस्सा है। निगम के अधिकारी चाहते हैं कि वे खुद एक उदाहरण पेश करें, जिसे देखकर शहर के आम नागरिक भी अपनी खाली छतों या बालकनियों में बागवानी करने के लिए प्रेरित हों।
इस गार्डन की सबसे खास बात यह है कि इसमें इस्तेमाल होने वाली खाद पूरी तरह से जैविक होगी। यह खाद कहीं बाहर से नहीं आएगी, बल्कि नगर निगम द्वारा शहर के कचरे से तैयार की गई ऑर्गेनिक खाद का ही इस्तेमाल किया जाएगा। यह "कचरे से कंचन" बनाने का एक बेहतरीन उदाहरण है, जो दिखाता है कि कैसे हम अपने कचरे का सही इस्तेमाल करके केमिकल-मुक्त और ताजी सब्जियां उगा सकते हैं।
निगम आयुक्त एमए शिवगुरु प्रभाकरन के नेतृत्व में इस प्रोजेक्ट पर काम शुरू हो चुका है और जल्द ही इसका उद्घाटन किया जाएगा। इस गार्डन की देखभाल के लिए एक खास टीम भी बनाई गई है।
यह कदम छोटा लग सकता है, लेकिन इसका संदेश बहुत बड़ा है। यह दिखाता है कि अगर इरादा पक्का हो, तो सरकारी दफ्तरों की खाली और तपती हुई छतें भी हरियाली और ताजी सब्जियों का स्रोत बन सकती हैं, जो हमारे शहरों को और भी सुंदर और रहने लायक बनाएंगी।