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Up Kiran, Digital Desk: बॉलीवुड के एक्शन हीरो और दिग्गज अभिनेता सुनील शेट्टी ने भारतीय फिल्म उद्योग के सामने आ रही दो प्रमुख चुनौतियों पर अपनी आवाज़ बुलंद की है। उन्होंने फिल्म बिरादरी को कानूनी रूप से 'उद्योग' (Industry) का दर्जा देने की पुरजोर वकालत की है और खासकर स्टंटमैन की सुरक्षा के लिए सख्त एहतियाती उपायों की मांग की है।

सुनील शेट्टी का मानना है कि फिल्म बिरादरी को उद्योग का दर्जा मिलने से इसे अन्य संगठित क्षेत्रों की तरह वित्तीय स्थिरता और पारदर्शिता मिलेगी। इससे फिल्म निर्माण के लिए बैंकों और वित्तीय संस्थानों से आसानी से ऋण प्राप्त हो सकेगा, जिससे परियोजनाओं को सुचारु रूप से पूरा करने में मदद मिलेगी। साथ ही, यह उद्योग को एक उचित नियामक ढाँचे के तहत लाएगा, जिससे जवाबदेही बढ़ेगी और अनियमितताओं पर अंकुश लगेगा।

स्टंटमैन की सुरक्षा एक गंभीर चिंता

शेट्टी ने विशेष रूप से उन स्टंट कलाकारों की सुरक्षा को लेकर अपनी गहरी चिंता व्यक्त की, जो फिल्मों में अपनी जान जोखिम में डालकर खतरनाक दृश्य फिल्माते हैं। उन्होंने कहा कि "वे अपनी जान दांव पर लगाकर हमें मनोरंजन प्रदान करते हैं।" हाल ही में फिल्म सेट पर हुई कुछ दुखद दुर्घटनाओं, जैसे 'इंडियन 2' या 'कंगुवा' के सेट पर हुए हादसों, ने इस मुद्दे की गंभीरता को फिर से उजागर किया है। इन घटनाओं में कई स्टंटमैन को गंभीर चोटें आईं और कुछ ने तो अपनी जान भी गंवा दी।

उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि स्टंटमैन के लिए बेहतर काम करने की स्थिति, उचित बीमा, चिकित्सा सुविधाएं और दुर्घटना की स्थिति में पर्याप्त मुआवजा सुनिश्चित करना बेहद ज़रूरी है। उनका कहना है कि यह केवल नैतिक जिम्मेदारी नहीं है, बल्कि उद्योग की विश्वसनीयता और भविष्य के लिए भी महत्वपूर्ण है। सुनील शेट्टी ने कहा, "इन कलाकारों को पर्याप्त सुरक्षा उपकरणों, प्रशिक्षित पर्यवेक्षकों और उचित ब्रेक के बिना लंबे समय तक काम करने के लिए मजबूर नहीं किया जाना चाहिए।"

शेट्टी ने पूरे फिल्म उद्योग से एकजुट होने और इन मांगों को सामूहिक रूप से उठाने की अपील की है। उनका मानना है कि जब तक यह उद्योग अपने सभी हितधारकों के लिए सुरक्षित और न्यायसंगत कार्यस्थल प्रदान नहीं करता, तब तक यह अपनी पूरी क्षमता हासिल नहीं कर पाएगा। सुनील शेट्टी की यह पहल न केवल स्टंट कलाकारों के लिए उम्मीद की किरण है, बल्कि पूरे फिल्म उद्योग के लिए एक अधिक सुरक्षित, संगठित और सम्मानित भविष्य की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है।

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