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Up Kiran, Digital Desk: वस्तु एवं सेवा कर (GST) की दरों को सरल बनाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम उठाते हुए, राज्य के वित्त मंत्रियों के समूह (GoM) ने 5 और 18 प्रतिशत के दो-स्लैब ढांचे में जाने के केंद्र के प्रस्ताव को स्वीकार कर लिया है। दर युक्तिकरण (rate rationalisation) पर GoM के संयोजक और बिहार के उपमुख्यमंत्री सम्राट चौधरी ने गुरुवार को यह पुष्टि करते हुए बताया कि छह-सदस्यीय राज्य मंत्रिस्तरीय पैनल ने 12 और 28 प्रतिशत स्लैब को हटाने के प्रस्ताव को भी स्वीकार कर लिया है।

GST दरों का सरलीकरण: 4 स्लैब से 2 स्लैब की ओर

सम्राट चौधरी ने संवाददाताओं से कहा, "दर युक्तिकरण पर GoM द्वारा केंद्र के दोनों प्रस्तावों को स्वीकार कर लिया गया है।" उन्होंने बताया कि बैठक के दौरान दो स्लैब हटाने के प्रस्ताव पर विचार-विमर्श किया गया और इसे आम तौर पर समर्थन मिला।

लग्जरी और सिन गुड्स पर 40% टैक्स का प्रस्ताव:

उत्तर प्रदेश के वित्त मंत्री सुरेश कुमार खन्ना ने बैठक के बाद संवाददाताओं से कहा कि केंद्र के प्रस्ताव में अल्ट्रा-लग्जरी और सिन गुड्स (sin goods) पर 40 प्रतिशत कर लगाने का भी प्रस्ताव शामिल है।

पश्चिम बंगाल की अतिरिक्त लेवी की मांग:पश्चिम बंगाल की वित्त मंत्री चंद्रिमा भट्टाचार्य ने कहा कि उनके राज्य ने अल्ट्रा-लग्जरी सामानों, जैसे कार, और सिन गुड्स पर वर्तमान कर दर को बनाए रखने के लिए 40 प्रतिशत GST दर के ऊपर एक अतिरिक्त लेवी का प्रस्ताव दिया है।

राजस्व पर पड़ेगा असर?

भट्टाचार्य ने कहा कि केंद्र के प्रस्ताव में नए GST स्लैब के कार्यान्वयन के बाद केंद्र और राज्यों को होने वाले राजस्व हानि का कोई उल्लेख नहीं किया गया था।

वर्तमान GST ढांचा: वर्तमान में, वस्तु एवं सेवा कर (GST) में चार स्लैब हैं: 5, 12, 18, और 28 प्रतिशत। जबकि खाद्य पदार्थ पर 0 या 5 प्रतिशत कर लगाया जाता है, लग्जरी और सिन गुड्स पर 28 प्रतिशत कर लगता है।

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