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Up Kiran, Digital Desk: बठिंडा थर्मल प्लांट के पास बनी ओडिया कॉलोनी में देर रात भयानक आग लग गई, जिसके कारण कई झोपड़ियां जलकर राख हो गई हैं। यहां करीब 200 झुग्गियां हैं, जहां प्रवासी मजदूर परिवार मिट्टी और पत्थर से बने अस्थायी घरों में रहते हैं। आग की सूचना मिलते ही स्थानीय लोगों ने आग बुझाने का प्रयास किया और बड़ी मुश्किल से आग पर काबू पाया।

यहां फायर ब्रिगेड की गाड़ी भी नहीं पहुंच पाती, क्योंकि बठिंडा सरहिंद नहर पर बना पुल काफी संकरा है, वहां से सिर्फ दो पहिया वाहन ही गुजर सकते हैं। जिसके कारण फायर ब्रिगेड की गाड़ी नहीं जाती। आग रात करीब 1 बजे लगी, उस समय परिवार झुग्गियों में सो रहा था। अचानक आसपास के लोगों को इसकी जानकारी हो गई और उन्होंने जल्द ही आग पर काबू पा लिया।

जब कॉलोनी के निवासी प्रेम चंद से बात की तो उन्होंने बताया कि हमारे यहां करीब 200 घर हैं, मेरे परिवार में तीन बच्चे और 2 पत्नियां हैं आग लगने से मेरा 50 हजार से अधिक का नुकसान हुआ है। अगर समय रहते आग का पता न चलता तो पूरा परिवार जल सकता था।

उन्होंने कहा कि यहां पहले भी झुग्गियों में आग लग चुकी है। प्रेम चंद ने कहा कि कुछ साल पहले एक निजी ठेकेदार ने करीब 100 पक्के मकान बनाए थे और सरकार ने भी पक्के मकान बनाने का वादा किया था, मगर बाकी मकान आज तक नहीं बने हैं। हमारा नहर का पुल बहुत छोटा है, बड़ा वाला तो गुजर गया मगर अभी तक नहीं बना है।

एक युवक ने बताया कि हम ओडिशा, बिहार और यूपी के रहने वाले हैं क्योंकि पहले हम थर्मल में काम करते थे मगर अब थर्मल बंद हो गया है। अब हम दिहाड़ी मजदूर हैं, सरकार को हमारी ओर ध्यान देना चाहिए। उन्होंने कहा कि डीसी और अन्य नेता कई बार यहां आ चुके हैं, मगर हर बार सिर्फ आश्वासन देकर लौट जाते हैं।

 

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