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Up Kiran, Digital Desk: फुटबॉल की दुनिया में कुछ स्टेडियम ऐसे हैं जिनका नाम सुनते ही विरोधी टीमों के पसीने छूट जाते हैं। रियल मैड्रिड का घर, सैंटियागो बर्नब्यू (Santiago Bernabéu), उन्हीं में से एक है। यह सिर्फ ईंट और सीमेंट से बनी एक इमारत नहीं, बल्कि एक ऐसा किला है जहां इतिहास, उम्मीदें और जादू एक साथ सांस लेते हैं। और इस बात की गवाही कोई और नहीं, बल्कि क्लब के ही एक पूर्व दिग्गज, जाबी अलोंसो (Xabi Alonso) दे रहे हैं।

जाबी अलोंसो, जो खुद लिवरपूल और बायर्न म्यूनिख जैसे क्लबों के लिए खेल चुके हैं और अब बायर लेवरकुसेन के सफल कोच हैं, रियल मैड्रिड की रूह को अच्छी तरह समझते हैं। उन्होंने 2009 से 2014 तक मैड्रिड की सफेद जर्सी पहनी है और उस मैदान के जादू को करीब से महसूस किया है।

'इतिहास आपको और ज्यादा भूखा बना देता है'

जब रियल मैड्रिड चैंपियंस लीग में अपने नए सफर की तैयारी कर रहा है, तो अलोंसो ने उस एहसास को याद किया जो बर्नब्यू में खेलने पर होता है। उन्होंने कहा, "जब आप उस मैदान पर चैंपियंस लीग का गाना सुनते हैं, तो यह कुछ अलग होता है। बर्नब्यू का इतिहास, वो जादुई रातें, वो शानदार वापसी... यह सब आपको और भी ज्यादा प्रेरित करता है। यह आपको हारने नहीं देता।"

अलोंसो का मानना है कि इस मैदान की दीवारें भी मानो मैड्रिड के खिलाड़ियों के कानों में कहती हैं कि 'तुम रियल मैड्रिड हो, और तुम यहां हार नहीं सकते।' यह सिर्फ फैंस का दबाव नहीं, बल्कि उस मैदान की विरासत का भार और गर्व होता है जो खिलाड़ियों को आम प्रदर्शन से कहीं ऊपर उठाकर खेलने पर मजबूर कर देता है।

उनके लिए, बर्नब्यू में खेलना एक अतिरिक्त प्रेरणा (motivation) है। यह एक ऐसा हथियार है जो किसी भी विरोधी टीम के लिए सबसे बड़ा मनोवैज्ञानिक डर होता है। जब एक टीम वहां खेलने उतरती है, तो वह सिर्फ 11 खिलाड़ियों से नहीं, बल्कि उस स्टेडियम में बसे दशकों के इतिहास से भी लड़ रही होती है।