img

Up Kiran, Digital Desk: कहते हैं कि जब रक्षक ही भक्षक बन जाए, तो फिर भरोसा किस पर किया जाए? तमिलनाडु से एक ऐसी ही हैरान कर देने वाली खबर सामने आई जहां नशे और तस्करी को रोकने की शपथ लेने वाला एक पूर्व सरकारी अफसर ही नशे के सबसे बड़े सिंडिकेट का सरगना निकला।

नारकोटिक्स कंट्रोल ब्यूरो (NCB) की चेन्नई यूनिट ने एक बहुत बड़ी कार्रवाई करते हुए केंद्रीय अप्रत्यक्ष कर और सीमा शुल्क बोर्ड (CBIC) के एक पूर्व अधीक्षक (Superintendent) को 1820 किलो गांजे के साथ गिरफ्तार किया है। अंतरराष्ट्रीय बाजार में इस जब्त किए गए गांजे की कीमत 2.7 करोड़ रुपये से भी ज़्यादा आंकी गई है।

ट्रक में घर के सामान की आड़ में चल रहा था 'करोड़ों' का खेल

NCB के अधिकारियों को एक गुप्त सूचना मिली थी कि आंध्र प्रदेश के विशाखापत्तनम से तमिलनाडु के थेनी जिले में ड्रग्स की एक बहुत बड़ी खेप ले जाई जा रही है। इस सूचना पर कार्रवाई करते हुए, NCB की टीम ने तमिलनाडु के कुड्डालोर जिले में पनरुट्टी के पास एक लॉरी (ट्रक) को रोका।

जब ट्रक की तलाशी ली गई, तो ऊपर से देखने पर उसमें सिर्फ घर का पुराना सामान और फर्नीचर लदा हुआ था। ऐसा लग रहा था मानो कोई परिवार अपना घर शिफ्ट कर रहा हो। लेकिन जब अधिकारियों ने उस सामान को हटाना शुरू किया, तो उनके भी होश उड़ गए। फर्नीचर और बक्सों के नीचे करोड़ों रुपये का गांजा छिपाकर रखा गया था।

कौन है यह 'अफसर' तस्कर: इस पूरे रैकेट का जो मास्टरमाइंड निकला, उसका नाम जानकर हर कोई हैरान है। गिरफ्तार किया गया मुख्य आरोपी बी. बालमुरुगन, कस्टम विभाग का एक पूर्व अफसर है। वह CBIC में अधीक्षक के पद पर काम कर चुका है।

जांच में सामने आया है कि बालमुरुगन ही इस पूरे ड्रग्स तस्करी नेटवर्क का मास्टरमाइंड और फाइनेंसर था। वह अपने पुराने संपर्कों और सिस्टम की जानकारी का इस्तेमाल करके इस काले कारोबार को चला रहा था। उसे लगा था कि उस पर कोई शक नहीं करेगा, लेकिन NCB की मुस्तैदी ने उसके सारे मंसूबों पर पानी फेर दिया।

यह गिरफ्तारी इस बात का एक और सबूत है कि नशे का यह जाल समाज में कितनी गहराई तक फैल चुका है, जहां कानून की रक्षा करने वाले ही उसे तोड़ने में लग गए हैं। NCB इस नेटवर्क से जुड़े और लोगों की तलाश में जुट गई है।