
Up Kiran, Digital Desk: केंद्रीय गृह एवं सहकारिता मंत्री अमित शाह ने शुक्रवार को गुजरात के गांधीनगर में भारत की पहली राष्ट्रीय सहकारी यूनिवर्सिटी का शिलान्यास किया। यह पहल देश में सहकारी आंदोलन को मजबूत करने और इसे आधुनिक शिक्षा और अनुसंधान से जोड़ने की दिशा में एक ऐतिहासिक कदम है।
इस अवसर पर बोलते हुए, अमित शाह ने कहा कि यह विश्वविद्यालय सहकारी क्षेत्र में शिक्षा, प्रशिक्षण और अनुसंधान के लिए एक केंद्र बिंदु के रूप में काम करेगा। इसका लक्ष्य सहकारी समितियों के सदस्यों और हितधारकों को आवश्यक कौशल और ज्ञान प्रदान करना है ताकि वे अपने संगठनों को और अधिक प्रभावी ढंग से चला सकें।
उन्होंने इस बात पर भी जोर दिया कि यह विश्वविद्यालय 'सहकार से समृद्धि' के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के दृष्टिकोण को साकार करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा। इसका उद्देश्य सहकारी आंदोलन को मजबूत करना और इसे देश की आर्थिक वृद्धि में एक प्रमुख स्तंभ बनाना है।
राष्ट्रीय सहकारी यूनिवर्सिटी सहकारिता के विभिन्न पहलुओं जैसे कृषि, डेयरी, बैंकिंग, विपणन और अन्य क्षेत्रों में विशेषज्ञता प्रदान करेगी। यह छात्रों और पेशेवरों को सहकारी सिद्धांतों और आधुनिक प्रबंधन प्रथाओं का एक अनूठा मिश्रण सिखाएगी।
इस शिलान्यास समारोह में गुजरात के मुख्यमंत्री, अन्य मंत्री और सहकारी क्षेत्र के प्रमुख हस्तियां भी मौजूद थीं। यह विश्वविद्यालय भारत के सहकारी आंदोलन को एक नई दिशा देगा, जिससे लाखों लोगों के जीवन में सकारात्मक बदलाव आएगा।
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