
Up Kiran, Digital Desk: कर्नाटक के प्रतिष्ठित बन्नेरघट्टा जैविक उद्यान (Bannerghatta Biological Park) से चार युवा हाथियों को जापान भेजा गया है। यह भारत और जापान के बीच वन्यजीव विनिमय कार्यक्रम के तहत एक ऐतिहासिक कदम है, जिसका उद्देश्य वन्यजीव संरक्षण प्रयासों को मजबूत करना और दोनों देशों के बीच संबंधों को गहरा करना है।
ये चार युवा हाथी – शाका (Shaka), तारा (Tara), किरी (Kiri) और रिकी (Riki) – सभी लगभग पाँच वर्ष के हैं। इन्हें जापान के हिरकावा जूलॉजिकल पार्क (Hirakawa Zoological Park) में स्थानांतरित किया गया है। इस लंबी और संवेदनशील यात्रा के लिए विशेष व्यवस्था की गई थी।
हाथियों को विशेष रूप से डिज़ाइन किए गए मजबूत लकड़ी के बक्सों में ले जाया गया। वे विशेष कार्गो उड़ानों के माध्यम से रवाना हुए, जिसमें उनके आराम और सुरक्षा का पूरा ध्यान रखा गया। पशु चिकित्सकों की एक समर्पित टीम और अनुभवी वन्यजीव विशेषज्ञों ने पूरी यात्रा के दौरान उनकी निरंतर निगरानी की।
यह विनिमय कार्यक्रम न केवल वन्यजीव संरक्षण के लिए महत्वपूर्ण है, बल्कि यह सार्वजनिक जागरूकता बढ़ाने और शिक्षा को बढ़ावा देने में भी मदद करेगा। जापान में ये भारतीय हाथी एशियाई हाथियों की समृद्ध विविधता का प्रतिनिधित्व करेंगे और दोनों देशों के बीच सांस्कृतिक और वैज्ञानिक सहयोग को बढ़ावा देंगे।
अधिकारियों ने इस पहल को एक 'ऐतिहासिक घटना' बताया है, जो वन्यजीव संरक्षण में अंतर्राष्ट्रीय सहयोग की बढ़ती प्रवृत्ति को दर्शाती है। यह पहल भारत और जापान के बीच मैत्री और सहयोग का एक और प्रमाण है, जहाँ वन्यजीवों के कल्याण और संरक्षण को प्राथमिकता दी गई है। उम्मीद है कि ये हाथी अपने नए घर में अच्छी तरह से रहेंगे और वन्यजीव संरक्षण के वैश्विक प्रयासों में योगदान देंगे।
--Advertisement--