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Up Kiran, Digital Desk: अमेरिका और चीन के बीच चल रही दादागिरी की लड़ाई अब दुनिया के दूसरे देशों के लिए बड़ी मुसीबत बनती जा रही है. अमेरिका ने चीन के बढ़ते प्रभाव को रोकने के लिए अब अपना सबसे बड़ा दांव चल दिया है और मध्य अमेरिकी (Central American) देशों को सीधी और सपाट चेतावनी दी है - "अगर चीन के लिए काम करोगे, तो अमेरिका आना भूल जाओ."

यह सख्त संदेश अमेरिका के प्रभावशाली सीनेटर मार्को रूबियो की तरफ से आया है. उन्होंने ऐलान किया  कि अमेरिका उन सभी मध्य अमेरिकी देशों के अधिकारियों, व्यापारियों और नागरिकों पर वीज़ा प्रतिबंध लगाएगा, जो चीन के 'मोहरे' के तौर पर काम कर रहे हैं और अमेरिकी हितों को नुकसान पहुंचा रहे हैं.

क्यों बौखलाया है अमेरिका?

अमेरिका, मध्य और दक्षिण अमेरिका को अपना 'आंगन' या 'पड़ोस' मानता है. लेकिन पिछले कुछ सालों से चीन इस इलाके में अपनी पकड़ बहुत तेज़ी से मज़बूत कर रहा .

कर्ज और निवेश का जाल: चीन इन छोटे-छोटे देशों में बड़े-बड़े बंदरगाह, सड़कें और प्रोजेक्ट्स बनाने के नाम पर भारी निवेश कर रहा है और उन्हें कर्ज के जाल में फंसा रहा 

सबसे बड़ा निशाना - ताइवान: चीन की सबसे बड़ी चाल ताइवान को दुनिया में अकेला करना वह इन देशों पर दबाव बना रहा से अपने राजनयिक रिश्ते तोड़कर चीन को असली ‘एक चीन’ तौर  मान्यता दें. हाल में कई मध्य अमेरिकी देशों ने ऐसा किया भी है.

मार्को रूबियो ने कहा, "हम चुपचाप बैठकर यह तमाशा नहीं देख सकते. जो कोई भी चीन की कम्युनिस्ट पार्टी के इशारे पर काम करेगा, उसे इसका नतीजा भुगतना पड़ेगा. उनके लिए अमेरिकी वीज़ा बस एक सपना बनकर रह जाएगा."

यह सिर्फ एक बयान नहीं, बल्कि सीधी धमकी है

वीज़ा बैन अमेरिका का एक बहुत शक्तिशाली हथियार है. दुनिया के हर देश के नेता, अधिकारी और अमीर लोग अमेरिका जाना चाहते हैं. इस धमकी का सीधा मतलब है कि अगर इन देशों ने चीन का साथ देना बंद नहीं किया, तो अमेरिका उनके प्रभावशाली लोगों को निशाना बनाना शुरू कर देगा.

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