Up Kiran, Digital Desk: बिहार विधानसभा चुनाव का दूसरा चरण 10 नवंबर को, 122 सीटों पर मतदान होने जा रहा है। 45,399 मतदान केंद्रों पर मतदाताओं के लिए कड़ी सुरक्षा व्यवस्था की गई है। इस चुनाव में राज्य के 4 लाख से अधिक सुरक्षाकर्मी तैनात किए गए हैं, ताकि चुनावी प्रक्रिया पूरी तरह से शांतिपूर्ण और सुरक्षित रहे।
महागठबंधन और एनडीए के बीच होगा दिलचस्प मुकाबला
विधानसभा चुनाव के दूसरे चरण में मुख्य मुकाबला महागठबंधन और एनडीए के बीच होगा। महागठबंधन में राजद, कांग्रेस, वामपंथी दल और विकासशील इंसान पार्टी (वीआईपी) शामिल हैं, वहीं एनडीए में भाजपा, जदयू, लोजपा (रामविलास), हम और आरएलएम जैसे प्रमुख दल हैं। इस चरण में राजनीति के कई दिग्गज उम्मीदवार भी मैदान में हैं, जिनकी जीत-हार से राज्य की राजनीति पर बड़ा असर पड़ सकता है।
प्रमुख उम्मीदवारों पर एक नजर:
रेणु देवी (भा.ज.पा) – भाजपा ने बेतिया से रेणु देवी को मैदान में उतारा है, जो इस सीट से पूर्व उपमुख्यमंत्री रही हैं। वह कांग्रेस के वशी अहमद और जन सुराज पार्टी के अनिल कुमार सिंह से चुनौती का सामना करेंगी।
तारकिशोर प्रसाद (भा.ज.पा) – कटिहार से भाजपा के तारकिशोर प्रसाद का मुकाबला वीआईपी के सौरव कुमार अग्रवाल और जन सुराज पार्टी के गाजी शारिक अहमद से है। यह सीट भाजपा के लिए एक महत्वपूर्ण मुकाबला है।
बीमा भारती (राजद) – रूपौली से राजद की उम्मीदवार बीमा भारती की चुनावी यात्रा दिलचस्प होगी। उनका मुकाबला जदयू के कलाधर प्रसाद और जन सुराज पार्टी के आमोद कुमार से है।
कृष्णनंदन पासवान (भा.ज.पा) – हरसिद्धि विधानसभा क्षेत्र से भाजपा के कृष्णनंदन पासवान एक बार फिर अपनी सीट बचाने के लिए मैदान में हैं। उन्हें राजद के राजेंद्र कुमार और जन सुराज पार्टी के अवधेश कुमार से चुनौती मिल रही है।
राजू तिवारी (लोजपा-आरवी) – चिराग पासवान की लोजपा-आरवी से गोविंदगंज में राजू तिवारी चुनाव लड़ रहे हैं। उनका मुकाबला कांग्रेस के शशि भूषण राय और जन सुराज पार्टी के कृष्णकांत मिश्रा से है।
नीरज कुमार सिंह बबलू (भा.ज.पा) – छातापुर से भाजपा के नीरज कुमार सिंह बबलू को कड़ी टक्कर राजद के विपिन कुमार सिंह और जन सुराज पार्टी के अभय कुमार सिंह से मिल रही है।
चुनाव में प्रभावी खिलाड़ी: प्रशांत किशोर की जन सुराज पार्टी
इस बार, प्रशांत किशोर की जन सुराज पार्टी (जेएसपी) भी बिहार की राजनीति में एक महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकती है। पिछले चुनावों में अपनी उपस्थिति दर्ज कराने के बाद, जेएसपी इस बार कई विधानसभा क्षेत्रों में अपनी ताकत दिखाने की कोशिश कर रही है।
बिहार विधानसभा चुनाव 2025: क्या कहती है जनता की राय?
चुनाव में उम्मीदवारों की जीत-हार और पार्टी की स्थिति पर मतदाता के मनोबल का बड़ा असर पड़ने वाला है। खासकर युवा और महिला वोटरों की हिस्सेदारी इस बार काफी अहम होगी। ऐसे में सुरक्षा और निष्पक्ष मतदान की चुनौती प्रशासन के लिए सबसे बड़ी होगी।
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