
Up Kiran, Digital Desk: भारतीय क्रिकेट टीम के 'गब्बर' के नाम से मशहूर धाकड़ सलामी बल्लेबाज शिखर धवन, अपने बेबाक अंदाज और मस्ती भरे स्वभाव के लिए जाने जाते हैं। लेकिन हाल ही में एक दिल खोलकर की गई बातचीत में उन्होंने सिर्फ क्रिकेट की शानदार पारियों और शतकों की बात नहीं की, बल्कि अपनी ज़िंदगी की 'आत्म-खोज' (Self-Discovery) के सफर पर भी खुलकर बात की। यह बातचीत उनके एक खिलाड़ी से एक परिपक्व इंसान बनने की कहानी बयां करती है।
धवन ने इस कैंडिड बातचीत में बताया कि कैसे क्रिकेट के मैदान पर मिली सफलता और असफलता ने उन्हें निजी जीवन में भी बहुत कुछ सिखाया है। उन्होंने ज़िक्र किया कि कैसे शतक जड़ना उनके लिए एक तरह की खुशी और उपलब्धि थी, लेकिन असल में ज़िंदगी के उतार-चढ़ाव ने उन्हें खुद को और बेहतर तरीके से समझने में मदद की। उन्होंने माना कि क्रिकेट की दुनिया में उतार-चढ़ाव आते रहते हैं, लेकिन असली चुनौती उनसे सीखकर आगे बढ़ना और अपने आंतरिक शांति को बनाए रखना है।
उन्होंने शायद अपने करियर के उन दौरों का भी ज़िक्र किया होगा जब उन्हें टीम से बाहर किया गया या चोटों से जूझना पड़ा। ऐसे समय में उन्होंने कैसे खुद को संभाला और मानसिक रूप से मजबूत बने रहे, यह उनकी आत्म-खोज का ही हिस्सा था। धवन ने बताया कि कैसे उन्होंने ध्यान, योग या अन्य तकनीकों से खुद को शांत रखा और अपने खेल को बेहतर बनाने पर ध्यान केंद्रित किया।
यह बातचीत सिर्फ एक खिलाड़ी के करियर की नहीं, बल्कि एक इंसान के जीवन के अनुभवों, उसकी मानसिकता और उसके सीखने की प्रक्रिया की एक झलक देती है। शिखर धवन ने दिखाया कि खेल और जीवन दोनों में जीत-हार से परे भी बहुत कुछ होता है, और वह है खुद को जानना और हर परिस्थिति में सकारात्मक बने रहना।
उनकी यह कहानी न केवल युवा खिलाड़ियों को प्रेरित करेगी, बल्कि उन सभी लोगों के लिए भी एक सबक है जो जीवन में चुनौतियों का सामना कर रहे हैं। शिखर धवन, वाकई एक 'गब्बर' हैं, जो मैदान के बाहर भी उतने ही प्रभावशाली और प्रेरणादायक हैं।
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