
adani hemant soren meeting: 29 मार्च को झारखंड के चीफ मिनिस्टर हेमंत सोरेन और उद्योगपति गौतम अडानी के बीच हुई बैठक ने सियासी गलियों में हलचल मचा दी है। इस बैठक में झारखंड में खनन अधिकारों के मुद्दे पर चर्चा की गई, खासकर हजारीबाग और गोड्डा के कोयला ब्लॉकों में वाणिज्यिक खनन की संभावनाओं पर।
मीटिंग के बाद भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने कांग्रेस और झारखंड मुक्ति मोर्चा (JMM) पर तीखा हमला करते हुए सवाल उठाया कि चुनावों में जिस अडानी का विरोध किया गया, उससे अचानक दोस्ती का क्या मतलब है।
ये मुलाकात क्यों
गौतम अडानी ने बैठक में भूमि अधिग्रहण और कानूनी मंजूरी की बाधाओं का मुद्दा उठाया। उनका कहना था कि बिना उचित अनुमति और भूमि अधिग्रहण के, खनन परियोजनाओं को आगे बढ़ाना मुश्किल हो रहा है। इस संदर्भ में, मुख्यमंत्री सोरेन ने अडानी समूह को आश्वासन दिया कि सरकार निवेश के लिए अनुकूल माहौल बनाने की दिशा में काम कर रही है।
भाजपा ने कसा तंज
भाजपा ने इस बैठक को राजनीतिक स्वार्थ का एक उदाहरण बताया। पार्टी के प्रवक्ता ने कहा, "ये केवल चुनावी फायदे के लिए किया गया है। पहले अडानी का विरोध करने वाले अब उनके साथ खड़े हैं। ये कांग्रेस और जेएमएम की असली राजनीति को उजागर करता है।" भाजपा का इल्जाम है कि यह गठबंधन झारखंड के विकास के लिए नहीं, बल्कि राजनीतिक लाभ के लिए किया जा रहा है।
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