धर्म डेस्क। पितृ दोष मनुष्य का पूरा जीवन खराब कर देता है। पूरा जीवन कष्टों में बीतता है। पितृ दोष एक साथ कई समस्याएं उत्पन्न कर देता है। इसका दुष्प्रभाव करियर, आर्थिक स्थिति, रिश्तों एवं सेहत आदि पर पड़ता है। पितृ दोष का निवारण न करने पर जातक की जिंदगी तबाह हो जाती है। पितृ पक्ष या श्राद्ध के 15 दिन पितृ दोष निवारण के लिए श्रेष्ठ माने गए हैं। आइए जानते हैं कि पितृ दोष के निवारण के उपाय ...
जिस व्यक्ति की कुंडली में पितृ दोष है उसे परिश्रम के बाद भी नौकरी-व्यापार आदि में तमाम तरह की बाधाओं का सामना करना पड़ता है। परिश्रम के बाद भी सफलता नहीं मिलती है। पितृ दोष के कारण जातक हर समय आर्थिक समस्याओं में फंसा रहता है। एक तो परिश्रम का सही पारिश्रमिक नहीं मिलता कर दूसरे घर में पैसा नहीं टिकता है। परिवार में बीमारियों के कारण बेवजह धन हानि होती है और कर्ज बढ़ता जाता है।
पितृदोष के कारण घर-परिवार में कलह और हमेशा अशांति रहती है। परिवार के लोग एक-दूसरे से ईर्ष्या करते हैं। घर में नकारात्मकता रहती है। घर के लोग बीमारियों से परेशान रहते हैं। अनिद्रा और तनाव के कारण मानसिक संतुलन बिगड़ जाता है। पितृ दोष के कारण वंश वृद्धि भी रुक जाती है। युवक-युवतियों के विवाह में बाधाएं आती हैं। पितृ दोष दुर्घटनाओं एवं आकस्मिक संकटों का कारण भी बनता है। पितृ दोष के कारण व्यक्ति परिवार समेत मानहानि का भी शिकार होता है।
पितृ दोष के निवारण के लिए पूजा-अनुष्ठान आवश्यक है। उज्जैन और नासिक में पितृ दोष की विशेष एवं अनुष्ठान कराया जाता अहइ। आप घर पर भी पितृ दोष निवारण के लिए पूजा एवं अनुष्ठान कर सकते हैं। इसके अलावा नित्य सूर्य देव को अर्घ्य देने से भी पितृ दोष का प्रभाव क्षीण होता है। इसी तरह वस्त्र, अन्न एवं द्रव्य के दान से भी पितृ दोष खत्म हो जाता है।
इसी तरह पितृ पक्ष में श्राद्ध, पिंडदान आदि कर्म करने से पितृ दोष का निवारण होता है। पितृ पक्ष में श्राद्ध, पिंडदान आदि करने से पितृ दोष से मुक्ति के साथ ही पितृ प्रसन्न हजार अपनी संतति पर पुण्य कृपा बरसाते हैं। इसी तरह पितृ दोष को दूर करने के लिए पितृ पक्ष में स्वर्ण दान करना भी बेहद फायदेमंद माना जाता है।
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