Up Kiran, Digital Desk: एक महीने से लापता 14 साल की लड़की को आखिरकार पुलिस ने बचा लिया। चौंकाने वाली बात ये है कि बच्ची को सिर्फ 80 हजार रुपये में बेच दिया गया था। सरैयाहाट थाना क्षेत्र की इस नाबालिग को बिहार के मोतिहारी जिले में ले जाया गया था। वहां से पुलिस ने रेस्क्यू कर लिया और चारों दलालों को सलाखों के पीछे पहुंचा दिया।
पुलिस ने बताया कि गिरफ्तार लोगों में तीन महिलाएं भी हैं। ये सभी मिलकर बच्चियों की खरीद-फरोख्त का धंधा चला रही थीं। मुख्य आरोपी बिहार के मोतिहारी के सगहरी गांव का अरुण सिंह है। उसने ही लड़की को खरीदा था। बाकी तीन महिलाएं दुमका और गोड्डा की रहने वाली हैं।
ये पूरा खेल तब खुला जब लड़की के दादा 6 दिसंबर को थाने पहुंचे। उन्होंने बताया कि उनकी पोती सिलाई सीखने के बहाने घर से निकली थी लेकिन लौटी ही नहीं। एक महीना बीत गया तो परेशान दादा ने लिखित शिकायत दर्ज कराई। उसी रात दादा दोबारा थाने आए और चौंकाने वाला खुलासा किया। उन्होंने कहा कि उनकी पोती को सरैयाहाट के मरकुंडा गांव की चुड़की देवी, बाबुडीह की पार्वती देवी और गोड्डा के बकसरा की पिंकी देवी ने मिलकर 80 हजार में बेच दिया।
बस फिर क्या था। थाना प्रभारी राजेंद्र यादव ने तुरंत एक्शन लिया। एक टीम मुजफ्फरपुर के लिए पहले ही रवाना हो चुकी थी। उन्हें नई जानकारी दे दी गई। टीम ने सीधे मोतिहारी के सगहरी गांव में अरुण सिंह के घर छापा मारा। वहां से बच्ची को सुरक्षित बरामद कर लिया और अरुण को पकड़ लिया।
इधर दूसरी टीम ने दुमका और गोड्डा में छापेमारी की। मरकुंडा, बाबुडीह और बकसरा गांव से तीनों महिलाओं को धर दबोचा। सोमवार को सभी चारों आरोपियों को जेल भेज दिया गया।
गिरफ्तार आरोपियों के नाम
- चुड़की देवी (50 वर्ष, मरकुंडा सरैयाहाट
- पार्वती देवी55 वर्ष, बाबुडीह सरैयाहाट
- पिंकी देवी उर्फ प्रियंका40 वर्ष, बकसरा गोड्डा
- अरुण सिंह27 वर्ष, सगहरी मोतिहारी बिहार
इस बड़ी कामयाबी में थाना प्रभारी राजेंद्र यादव के साथ जयप्रकाश दास, सावन साहू, नेलशन निरल मानकी, नकी ईमान खान, मनोज सिंह, वीरेंद्र कुमार, शैलेश मिश्र, महेंद्र यादव, उमाशंकर कुमार और रितेश दुबे जैसे पुलिसकर्मी शामिल रहे।
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