Up Kiran, Digital Desk: कोननगर रेलवे स्टेशन पर मिला एक छोटा सा बैग और उसमें 10 लाख रुपये के सोने के गहने। कोई भी लालच कर सकता था लेकिन बिहार के चार दिहाड़ी मजदूरों ने ऐसा नहीं किया। सिवान से लिलुआ काम की तलाश में आए इन मजदूरों ने ईमानदारी का ऐसा उदाहरण पेश किया कि पूरा देश उनकी तारीफ कर रहा है।
सोशल मीडिया पर वायरल हो रही तारीफ
खबर जैसे ही बाहर आई फैंस और आम लोग ट्विटर इंस्टाग्राम पर लिखने लगे कि पैसा कमाने के लिए दूसरों की मेहनत की कमाई पर नजर डालने वालों को इन मजदूरों से सीखना चाहिए। कई लोगों ने लिखा कि समाज में अभी भी अच्छाई बाकी है और ये चार लोग उसकी मिसाल हैं।
पुलिस ने दिया सम्मान और नकद इनाम
ईमानदारी से प्रभावित होकर आरपीएफ और जीआरपी ने चारों मजदूरों को बुलाया और हर एक को नकद पुरस्कार देकर सम्मानित किया। बैंक अधिकारी रूपश्री ने भी आंसुओं के साथ शुक्रिया कहा। उनके लिए ये गहने सिर्फ पैसे नहीं बल्कि भावनाएं थे।
खुद पुलिस के पास पहुंचे थे मजदूर
मजदूरों ने बताया कि बैग मिलते ही उन्होंने आसपास मालिक ढूंढना शुरू किया। जब कोई नहीं मिला तो खुद पुलिस स्टेशन पहुंच गए। लीडर मोहम्मद इस्माइल ने कहा कि हम झुग्गी में रहते हैं लेकिन मेहनत की रोटी खाना पसंद करते हैं। किसी का हक मारकर चैन की नींद नहीं सो सकते।
सुबह साढ़े पांच बजे का पूरा वाकया
बैंक अधिकारी रूपश्री रविवार सुबह वंदे भारत ट्रेन पकड़ने कोननगर स्टेशन पहुंची थीं। जल्दबाजी में प्लेटफॉर्म पर बैग भूल गईं। ट्रेन चलने के बाद याद आया तो तुरंत आरपीएफ को फोन किया। सीसीटीवी में चार मजदूर बैग उठाते दिखे। पहले लगा कि शायद चोरी हो गई लेकिन फुटेज से मिले नंबर पर कॉल किया तो मजदूरों ने खुद कहा कि हम भी मालिक ढूंढ रहे हैं।
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