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Up Kiran, Digital Desk: भारत में शायद ही कोई ऐसा इंसान होगा जिसके मुंह में 'पानीपुरी' का नाम सुनते ही पानी न आता हो। यह सिर्फ एक स्ट्रीट स्नैक नहीं है, यह एक इमोशन है! दोस्तों के साथ तीखी बहस, पहली डेट की मीठी यादें, या बस यूं ही शाम को कुछ चटपटा खाने की तलब... हर मौके पर यह छोटी सी, पानी से भरी पूरी हमारा दिल जीत लेती है।

लेकिन क्या आपने कभी सोचा है कि जिसे आप दिल्ली में 'गोलगप्पा' कहते हैं, उसे कोलकाता में 'फुचका' और मुंबई में 'पानीपुरी' क्यों कहा जाता है? क्या यह सिर्फ नाम का फर्क है, या इनके स्वाद और बनाने के तरीके में भी कोई अंतर है? चलिए, आज इसी चटपटे राज से पर्दा उठाते हैं!

1. पानीपुरी (मुंबई और पश्चिम/दक्षिण भारत की शान)

अगर आप मुंबई या महाराष्ट्र के किसी भी कोने में हैं, तो आपको 'पानीपुरी' मिलेगी। यहां की पुरी सूजी (रवा) से बनी, छोटी और एकदम कुरकुरी होती है।

पानी: यहां का पानी तीखा, मीठा और खट्टा... तीनों स्वादों का एक परफेक्ट बैलेंस होता है। इसमें पुदीना, धनिया, इमली और गुड़ का इस्तेमाल होता है, जो इसे एक चटपटा और ताजगी भरा स्वाद देता है।

फिलिंग: इसके अंदर उबले हुए आलू, बूंदी और उबले हुए चने या रगड़ा (सफेद मटर) भरा जाता है।

खासियत: स्वाद का संतुलन। यह न तो बहुत ज्यादा तीखी होती है और न ही बहुत मीठी।

2. गोलगप्पा (दिल्ली और उत्तर भारत का राजा)

अब चलते हैं देश की राजधानी दिल्ली की ओर, जहां इसे 'गोलगप्पा' कहा जाता है। यहां का गोलगप्पा साइज में थोड़ा बड़ा और ज्यादा कुरकुरा होता है, जिसे आमतौर पर सूजी से बनाया जाता है।

पानी: दिल्ली के गोलगप्पे का पानी सीधा और तीखा होता है। इसमें हींग और जलजीरे का स्वाद सबसे ज्यादा उभर कर आता है। यहां मीठे पानी का चलन कम है; मीठे के लिए अलग से 'सौंठ' की चटनी दी जाती है।

फिलिंग: फिलिंग बहुत ही साधारण होती है - सिर्फ उबले हुए आलू के टुकड़े और उबले हुए चने।

खासियत: इसका तीखापन और सादगी। यहां तामझाम कम, और स्वाद सीधा दिल पर लगता है।

3. फुचका (कोलकाता और पूर्वी भारत का प्यार)

और अब बात करते हैं 'सिटी ऑफ जॉय', कोलकाता के 'फुचका' की। फुचका साइज में थोड़ा बड़ा, गहरा और आटे से बना होता है, जिस वजह से यह पानी डालने पर जल्दी नरम नहीं पड़ता।

पानी: फुचका की असली जान उसका पानी है। यह खट्टा और तीखा होता है, जिसे बनाने में इमली के गूदे, उबले आलू, हरी मिर्च और मसालों का इस्तेमाल किया जाता है। इसका स्वाद बाकी सबसे एकदम अलग और थोड़ा ज्यादा मसालेदार होता है।

फिलING: फुचके की फिलिंग में मसले हुए आलू, उबले चने, हरी मिर्च, धनिया और कई तरह के मसाले मिलाए जाते हैं। यह फिलिंग पानी में मिलकर एक अद्भुत स्वाद बनाती है।

खासियत: इसका मसालेदार और चटपटा स्वाद, जो आपको किसी और शहर में नहीं मिलेगा।

तो अगली बार जब आप अपने शहर से बाहर जाएं और आपका पानीपुरी खाने का मन करे, तो वहां के लोकल नाम का इस्तेमाल करें और इस छोटे से फर्क को खुद महसूस करें। नाम चाहे कोई भी हो, यह एक ऐसी चीज है जो पूरे देश को स्वाद के एक ही धागे में पिरोती है।