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Up Kiran, Digital Desk: बिहार में ग्रामीण स्वास्थ्य व्यवस्था को मजबूत बनाने में दिन-रात जुटी आशा और ममता कार्यकर्ताओं के लिए राज्य सरकार ने एक बड़ी सौगात दी है। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने बुधवार को घोषणा की कि इन जमीनी स्तर की स्वास्थ्य सेविकाओं की प्रोत्साहन राशि में अब उल्लेखनीय इज़ाफा किया गया है। यह फैसला न केवल उनकी मेहनत का सम्मान है, बल्कि ग्रामीण स्वास्थ्य ढांचे को और मज़बूत करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम माना जा रहा है।
नई घोषणा के अनुसार, आशा कार्यकर्ताओं को अब हर महीने ₹3,000 की प्रोत्साहन राशि दी जाएगी, जो पहले ₹1,000 थी। वहीं, ममता कार्यकर्ताओं को प्रति प्रसव अब ₹600 मिलेंगे, जो पहले ₹300 दिए जाते थे। इस बदलाव से हजारों कार्यकर्ताओं को आर्थिक सहारा मिलेगा और उनकी कार्यशैली में सकारात्मक बदलाव आने की उम्मीद है।
मुख्यमंत्री ने इस मौके पर याद दिलाया कि 2005 में सरकार बनाने के बाद से राज्य में स्वास्थ्य सेवाओं में निरंतर सुधार के प्रयास किए जा रहे हैं। आशा और ममता कार्यकर्ता इन प्रयासों की अहम कड़ी रही हैं, खासकर ग्रामीण इलाकों में, जहां उनकी भूमिका बच्चों के टीकाकरण, प्रसव पूर्व देखभाल, और जनजागरूकता फैलाने जैसे कार्यों में बेहद अहम रही है।
विशेषज्ञों का मानना है कि इस प्रकार की वित्तीय मदद से न केवल कार्यकर्ताओं का मनोबल बढ़ता है, बल्कि यह ग्रामीण समुदायों में स्वास्थ्य सेवा की गुणवत्ता को बेहतर बनाने में भी योगदान देता है। चूंकि राज्य में विधानसभा चुनाव नजदीक हैं, यह फैसला राजनीतिक दृष्टिकोण से भी महत्वपूर्ण माना जा रहा है, लेकिन सामाजिक लाभ इससे कहीं अधिक हैं।
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