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Up Kiran, Digital Desk: लीलावती अस्पताल ट्रस्ट ने वित्तीय धोखाधड़ी के लिए एचडीएफसी बैंक के सीईओ शशिधर जगदीशन के खिलाफ कार्रवाई की मांग की है। उन पर ट्रस्ट के एक सदस्य के पिता को परेशान करने के लिए बड़ी रकम लेने का आरोप है।
लीलावती कीर्तिलाल मेहता मेडिकल ट्रस्ट ने डायरी में हाथ से लिखे लेन-देन को सबूत के तौर पर पेश किया है। हालांकि, एचडीएफसी बैंक के प्रवक्ता ने आरोपों से इनकार किया है। बैंक का कहना है कि कुछ डिफॉल्टर बैंक से बकाया कर्ज की वसूली से बचने के लिए कानून का दुरुपयोग कर रहे हैं।
25 करोड़ रुपये के कथित गबन
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, लीलावती ट्रस्ट ने बैंक पर 25 करोड़ रुपये के गबन का आरोप लगाया है। ट्रस्ट के सदस्यों ने शनिवार को कहा कि वे जगदीशन और आठ अन्य के खिलाफ एफआईआर दर्ज करने के मुंबई मजिस्ट्रेट कोर्ट के आदेश के खिलाफ कार्रवाई करना चाहते हैं। जगदीशन पर ट्रस्ट के एक पूर्व सदस्य को एक अन्य मौजूदा सदस्य के पिता को परेशान करने के लिए 2.05 करोड़ रुपये देने का आरोप है। लेन-देन को एक हस्तलिखित डायरी में दर्ज किया गया था, जिसे अब सबूत के तौर पर पेश किया जा रहा है।
बैंक की सफाई
बैंक ने शनिवार को जारी बयान में कहा कि यह बैंक के लंबे समय से चले आ रहे कर्ज की वसूली का मामला है। एमडी और सीईओ शशिधर जगदीशन पर लगाए गए आरोप निराधार हैं। उनकी प्रतिष्ठा की रक्षा के लिए कानूनी कार्रवाई की जाएगी।
ट्रस्ट के ट्रस्टी प्रशांत मेहता और उनके परिवार के सदस्यों ने एचडीएफसी से बड़ा कर्ज लिया था, जिसे चुकाया नहीं जा रहा था। करीब 20 साल से वसूली के प्रयास चल रहे हैं और हर बार प्रशांत और उनके परिवार के सदस्य कोई न कोई कानूनी हथकंडा अपनाते रहे हैं। सुप्रीम कोर्ट समेत हर स्तर पर नाकाम होने के बाद बैंक ने पलटवार करते हुए कहा है कि अब बैंक के एमडी और सीईओ को निशाना बनाया जा रहा है।
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