नई दिल्ली:
गाजा में हो रहे नरसंहार को लेकर उठे राजनीतिक बयानों के बीच दिल्ली हाईकोर्ट ने एक अहम टिप्पणी की है। कोर्ट ने गाजा मुद्दे पर केंद्र सरकार के खिलाफ सीपीएम की याचिका पर सुनवाई करते हुए कहा कि “देश के पास पहले से ही कई समस्याएं हैं, ऐसे में सभी को पहले देशभक्त बनना चाहिए और अपने देश के हित में सोचने की जरूरत है।”
सीपीएम ने गाजा में हो रही हिंसा के खिलाफ भारत सरकार की भूमिका पर सवाल उठाते हुए याचिका दाखिल की थी। याचिका में भारत सरकार से इस मुद्दे पर अपना रुख स्पष्ट करने और संयुक्त राष्ट्र में कड़ा कदम उठाने की मांग की गई थी।
हालांकि सुनवाई के दौरान हाईकोर्ट ने कहा कि भारत को पहले अपने देश की समस्याओं जैसे बेरोजगारी, गरीबी, स्वास्थ्य सेवाएं और शिक्षा जैसी चुनौतियों पर ध्यान देना चाहिए। कोर्ट ने यह भी कहा कि किसी भी राजनीतिक पार्टी या संगठन को देश के कानून और नीति को नजरअंदाज नहीं करना चाहिए।
कोर्ट ने सीपीएम से पूछा कि क्या वे देश की प्राथमिकताओं को समझते हैं? और क्या उन्हें यह नहीं लगता कि भारत को फिलहाल अपने अंदरूनी हालात को सुधारने की जरूरत है? साथ ही कोर्ट ने कहा कि विदेश नीति से जुड़ी चीजें संसद और सरकार तय करती हैं, न कि राजनीतिक दल।
हाईकोर्ट की यह टिप्पणी देश के मौजूदा सामाजिक और राजनीतिक परिदृश्य में एक महत्वपूर्ण संकेत मानी जा रही है, जहां विदेशी मुद्दों पर बोलने से पहले घरेलू समस्याओं पर ध्यान केंद्रित करने की आवश्यकता बताई जा रही है।
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