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controversial statement: जम्मू-कश्मीर पीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी (पीडीपी) की नेता इल्तिजा मुफ्ती ने हिंदुत्व के विरुद्ध अपनी विवादास्पद टिप्पणी के बाद अपना रुख़ स्पष्ट किया है। उन्होंने कहा कि उन्होंने 'हिंदुत्व' की विचारधारा के विरुद्ध बात की थी, न कि 'हिंदू धर्म' के खिलाफ।

उन्होंने कहा कि हिंदू धर्म एक ऐसा धर्म है जो शांति और करुणा को बढ़ावा देता है और आगे उन्होंने 'हिंदुत्व' दर्शन की आलोचना की, जिसके बारे में उनका दावा है कि वो केवल हिंदुओं के लिए भारत चाहता है।

उन्होंने आगे कहा कि ये महात्मा गांधी का भारत है। मैंने हिंदुत्व के खिलाफ बात की है, हिंदू धर्म के खिलाफ नहीं। मैंने वीर सावरकर के दर्शन के खिलाफ बात की है कि भारत केवल हिंदुओं के लिए है... मैं जानती हूं कि हिंदू धर्म एक ऐसा धर्म है जो शांति और करुणा को बढ़ावा देता है। मैं हिंदुत्व के खिलाफ हूं क्योंकि यह एक बीमारी है जिसे खत्म करने की जरूरत है।

इल्तिजा ने क्या कहा?

शनिवार को उनके विवादित पोस्ट ने विवाद खड़ा कर दिया, जिसमें इल्तिजा ने कहा कि हिंदुत्व एक बीमारी है जिसने लाखों भारतीयों को पीड़ित किया है और एक श्री राम जी के नाम को शर्मसार किया है। एक कथित वीडियो पर प्रतिक्रिया देते हुए उन्होंने कहा कि श्री राम को शर्म से अपना सिर झुकाना चाहिए और असहाय होकर देखना चाहिए कि कैसे नाबालिग मुस्लिम लड़कों को सिर्फ इसलिए चप्पलों से पीटा जा रहा है क्योंकि उन्होंने उनका नाम लेने से इनकार कर दिया है।

हिंदू धर्म और हिंदुत्व में अंतर बताते हुए मुफ्ती ने इस बात पर जोर दिया कि हिंदू धर्म इस्लाम की तरह ही धर्मनिरपेक्षता, प्रेम और करुणा के मूल्यों को बढ़ावा देने वाला धर्म है। हिंदुत्व और हिंदू धर्म में बहुत अंतर है। हिंदुत्व नफरत का दर्शन है जिसे वीर सावरकर ने 1940 के दशक में भारत में हिंदुओं का आधिपत्य स्थापित करने के उद्देश्य से फैलाया था और दर्शन ये था कि भारत हिंदुओं का है और हिंदुओं के लिए है। इस्लाम की तरह हिंदू धर्म भी धर्मनिरपेक्षता, प्रेम और करुणा को बढ़ावा देने वाला धर्म है।

 

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