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दक्षिण कोरिया के बुसान में गुरुवार को अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप और चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग के बीच एक महत्वपूर्ण मुलाकात हुई। यह मुलाकात एशिया-प्रशांत आर्थिक सहयोग शिखर सम्मेलन से इतर हुई, जहां दोनों नेताओं ने व्यापार विवादों को सुलझाने और आपसी संबंधों को मजबूत करने की दिशा में कदम बढ़ाने का संकल्प लिया।

शी जिनपिंग ने बैठक की शुरुआत में कहा, “राष्ट्रपति ट्रंप, आपसे मिलकर खुशी हुई, बहुत साल हो गए हैं। हम दोनों ने कई बार फोन पर बात की है और पत्रों का आदान-प्रदान किया है। यह हमारे संबंधों की स्थिरता को दर्शाता है।”

उन्होंने यह भी बताया कि दोनों देशों के बीच कुछ मतभेद होने के बावजूद, व्यापार वार्ता में महत्वपूर्ण प्रगति हुई है। "चीन और अमेरिका के बीच व्यापारिक मुद्दों पर एक बुनियादी सहमति बन गई है," शी ने कहा।

ट्रंप का बयान: 'हमारा व्यापार समझौता सफल होगा'

ट्रंप ने बैठक के बाद कहा कि उनके और शी जिनपिंग के बीच हुई बातचीत बहुत सफल रही। उन्होंने कहा, "यह एक बेहद मजबूत वार्ता थी और हमारे बीच बेहतरीन समझ है। हम दोनों पक्षों ने मिलकर व्यापार समझौते पर हस्ताक्षर करने का फैसला लिया है।"

यह मुलाकात बुसान के एक एयरबेस पर हुई और ट्रंप ने कहा कि चीन ने अपनी दुर्लभ मृदा लाइसेंसिंग व्यवस्था को एक साल के लिए स्थगित करने और अमेरिकी सोयाबीन की खरीद फिर से शुरू करने का वादा किया है। इसके बदले में, अमेरिका चीनी वस्तुओं पर कुछ टैरिफ घटा सकता है, जिससे दोनों देशों के व्यापार संबंधों में स्थिरता आएगी।

क्या बदलाव आएंगे अमेरिका-चीन व्यापार समझौते में?

अमेरिका और चीन के बीच हुई बातचीत के दौरान, ट्रंप ने यह भी कहा कि वह चीनी निर्यात पर 20% टैरिफ को कम करने पर विचार कर रहे हैं। इसके अलावा, नवंबर 1 को प्रस्तावित 100% टैरिफ को रद्द करने की योजना भी बनाई जा रही है।

ट्रंप ने यह भी कहा कि वह एनवीडिया कॉर्प के ब्लैकवेल एआई प्रोसेसर के लिए चीन की पहुंच पर चर्चा करने को तैयार हैं। उन्होंने यह भी संकेत दिया कि वह चीन द्वारा किए गए व्यापार प्रतिबद्धताओं के अनुपालन की जांच समाप्त कर सकते हैं।

अमेरिका-चीन रिश्तों में नई उम्मीद की किरण

यह बैठक दोनों देशों के लिए महत्वपूर्ण कदम साबित हो सकती है, खासकर जब व्यापारिक विवादों की जड़ में दोनों देशों के बीच कई वर्षों से चले आ रहे मतभेद शामिल हैं। इस बैठक में व्यापार के अलावा, चीन और अमेरिका ने आपसी सहयोग और रिश्तों को बेहतर बनाने पर भी चर्चा की।

आखिरकार, दोनों देशों के बीच व्यापार विवादों का समाधान वैश्विक अर्थव्यवस्था पर व्यापक असर डाल सकता है, और यह बैठक एक कदम और आगे बढ़ने की दिशा में महत्वपूर्ण साबित हो सकती है।