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Up Kiran, Digital Desk: मुंबई या पुणे जैसे बड़े शहरों में 'अपने घर' का सपना कौन नहीं देखता? एक ऐसी छत जो सिर्फ हमारी हो, जहाँ हमारा परिवार सुकून से रह सके। यह सपना लाखों लोगों की आँखों में होता है, लेकिन अक्सर ऊंची कीमतों के कारण यह सपना, सपना ही रह जाता है।

लेकिन अब लगता है कि हालात बदल रहे हैं। एक ताज़ा रिपोर्ट हम सभी के लिए एक बड़ी और दिल खुश करने वाली खबर लेकर आई है। इस रिपोर्ट के मुताबिक, 2025 के पहले छह महीनों में (जनवरी से जून तक) मुंबई और पुणे में मिलकर 1 लाख 5 हज़ार से भी ज़्यादा घरों की बिक्री हुई है!

यह कोई छोटा-मोटा आंकड़ा नहीं है। यह आंकड़ा कोरोना महामारी से पहले के समय के मुकाबले लगभग दोगुना है। इसका सीधा-सा मतलब है कि लोग, खासकर नौकरीपेशा और मध्यम वर्ग के परिवार, अब पहले से कहीं ज़्यादा घर खरीद रहे हैं।

लेकिन अचानक ऐसा क्या हुआ कि बिक्री में इतनी ज़बरदस्त तेजी आ गई?

इस रियल एस्टेट बूम के पीछे कोई एक नहीं, बल्कि कई बड़ी और अच्छी वजहें हैं:

1. कीमतों का कंट्रोल में रहना: पिछले कुछ समय से घरों की कीमतों में बहुत ज़्यादा उछाल नहीं आया है। कीमतें स्थिर बनी हुई हैं, जिससे लोगों को अपना बजट बनाने में आसानी हो रही है।

2. बिल्डरों की अच्छी स्कीमें: ग्राहकों को आकर्षित करने के लिए बिल्डर्स और डेवलपर्स भी काफी अच्छी स्कीमें और फ्लेक्सिबल पेमेंट के ऑप्शन दे रहे हैं, जिससे घर खरीदना पहले से ज़्यादा आसान हो गया है।

3. 'अपना घर' होने का एहसास: कोरोना महामारी ने हम सभी को एक बहुत बड़ी बात सिखाई है - किराए के मकान की अनिश्चितता से बेहतर है, अपना एक स्थायी घर होना। लोग अब अपनी ज़िंदगी में स्थिरता चाहते हैं और खुद के घर को सबसे अच्छा निवेश मान रहे हैं।

4. बैंकों का साथ: होम लोन की ब्याज दरें भी एक ऐसे स्तर पर हैं, जहाँ लोग EMI का बोझ उठाने के लिए तैयार हैं। बैंकों से लोन मिलना भी अब पहले से ज़्यादा सुलभ हो गया है।

यह आंकड़े सिर्फ प्रॉपर्टी मार्केट के लिए ही अच्छी खबर नहीं हैं, बल्कि यह देश की अर्थव्यवस्था के लिए भी एक बहुत ही सकारात्मक संकेत हैं। जब लोग घर खरीदते हैं, तो उससे सीमेंट, स्टील, फर्नीचर, इलेक्ट्रॉनिक्स जैसे कई दूसरे उद्योगों को भी रफ़्तार मिलती है और रोजगार के नए अवसर पैदा होते हैं। यह हज़ारों परिवारों के सपनों के पूरा होने की एक खूबसूरत कहानी है।