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Up Kiran, Digital Desk: बॉलीवुड की दुनिया में, जहाँ सितारे अक्सर अपनी ग्लैमरस जिंदगी और ब्लॉकबस्टर फिल्मों के लिए जाने जाते हैं, वहीं कुछ ऐसे भी हैं जो अपनी कला को एक बड़े उद्देश्य के लिए इस्तेमाल करते हैं। उन्हीं में से एक हैं प्रतिभाशाली अभिनेत्री भूमि पेडनेकर, जिन्होंने न केवल अपनी दमदार एक्टिंग से दर्शकों का दिल जीता है, बल्कि एक सामाजिक योद्धा के रूप में भी अपनी एक अलग पहचान बनाई है।

भूमि का मानना है कि एक एक्टर होने के नाते उनकी जिम्मेदारी सिर्फ कैमरे के सामने एक्टिंग करने तक ही सीमित नहीं है, बल्कि समाज के प्रति भी उनकी एक बड़ी जवाबदेही है। वह कहती हैं कि सिनेमा में समाज को प्रभावित करने और उसमें बदलाव लाने की immense ताकत होती है।

अपनी फिल्मों से उठाती हैं सामाजिक मुद्दे

भूमि पेडनेकर के फिल्मी करियर पर नजर डालें तो यह बात साफ झलकती है। उन्होंने हमेशा ऐसी भूमिकाएं चुनी हैं जो पारंपरिक हीरोइन की छवि को तोड़ती हैं और किसी न किसी सामाजिक मुद्दे पर चोट करती हैं।

'दम लगा के हईशा' में उन्होंने बॉडी पॉजिटिविटी का एक मजबूत संदेश दिया।

'टॉयलेट: एक प्रेम कथा' में उन्होंने स्वच्छता और खुले में शौच जैसी गंभीर समस्या को उठाया।

'शुभ मंगल सावधान' में उन्होंने पुरुषों की यौन समस्या जैसे टैबू विषय पर बात की।

भूमि के लिए, उनकी फिल्में सिर्फ मनोरंजन का जरिया नहीं, बल्कि संवाद शुरू करने का एक मंच हैं।

सिनेमा से परे, एक 'क्लाइमेट वॉरियर'

भूमि का जुनून सिर्फ फिल्मों तक ही सीमित नहीं है। वह पर्यावरण के प्रति बेहद सजग हैं और "क्लाइमेट वॉरियर" नाम से एक अभियान भी चलाती हैं। इस पहल के जरिए वह जलवायु परिवर्तन, स्थिरता (sustainability), और पर्यावरण संरक्षण जैसे महत्वपूर्ण विषयों पर लोगों को जागरूक करती हैं। उनका मानना है कि यह हमारी सामूहिक जिम्मेदारी है कि हम आने वाली पीढ़ियों के लिए एक बेहतर और स्वस्थ ग्रह छोड़कर जाएं।

भूमि पेडनेकर सही मायनों में एक प्रेरणा हैं। वह साबित करती हैं कि जब आपके पास एक प्लेटफॉर्म और एक आवाज होती है, तो आप उसका इस्तेमाल सिर्फ अपने लिए नहीं, बल्कि पूरे समुदाय और देश को सशक्त बनाने के लिए कर सकते हैं।