
Up Kiran, Digital Desk: देश के हर तटीय राज्य (Coastal State) की अर्थव्यवस्था को मजबूत करने के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (PM Narendra Modi) का विज़न साफ है पानी को पैसों और रोज़गार (Jobs) के स्रोत में बदलो! इसी दिशा में ओडिशा (Odisha) को एक बड़ा तोहफा देते हुए पीएम मोदी ने ₹160 करोड़ की लागत से बनने वाले कई महत्वपूर्ण मत्स्य पालन परियोजनाओं (Fishery Projects) की नींव रखी है।
इस मेगा इन्वेस्टमेंट (Mega Investment) का सीधा मकसद ओडिशा के मछुआरा समुदाय (Fisherman Community) को और भी ज्यादा मज़बूत, आधुनिक और आत्मनिर्भर बनाना है।
इस योजना से क्या होगा मछुआरा समुदाय को फायदा?
मत्स्य पालन का क्षेत्र भारत की अर्थव्यवस्था (Economy) में एक बहुत ही ख़ास जगह रखता है। लेकिन आधुनिक सुविधाओं की कमी के चलते, अक्सर छोटे मछुआरे बाज़ार में अपनी पकड़ नहीं बना पाते हैं। यह ₹160 करोड़ की परियोजनाएं इस गैप को भरने के लिए आई हैं:
आधुनिक strongनियादी ढाँचा (Infrastructure): इसके तहत फिश प्रोसेसिंग यूनिट (Fish Processing Units), बेहतर कोल्ड स्टोरेज (Cold Storage) और मछलियों को जल्दी बाज़ार तक पहुँचाने के लिए हाई-स्पीड पोर्ट बनाए जाएंगे। इससे मछली खराब नहीं होगी और उसकी कीमत ज्यादा मिलेगी।
'नीली क्रांति' को गति:प्रधानमंत्री का मानना है कि भारत की ब्लू इकोनॉमी (Blue Economy) में मत्स्य पालन सबसे बड़ा क्षेत्र है। इस निवेश (Investment) से मछुआरों को नई टैक्नोलॉजी (Technology) से मछली पकड़ने की ट्रेनिंग दी जाएगी, जिससे उनकी कमाई (Income) कई गुना बढ़ेगी।
रोज़गार और व्यापार: ये नए प्लांट और सुविधाएं न सिर्फ सीधे तौर पर हज़ारों स्थानीय लोगों को रोज़गार (Jobs) देंगी, बल्कि इस क्षेत्र से जुड़ा पूरा व्यवसाय भी तेज़ी से फलेगा-फूलेगा।
यह कदम ओडिशा को मत्स्य पालन और उससे जुड़ी इंडस्ट्री में एक नेशनल हब बनाने की रणनीति का एक हिस्सा है। पीएम मोदी का यह 'समुद्री विकास' वाला फ़ॉर्मूला ओडिशा के तटीय क्षेत्रों (Coastal Areas) की पूरी आर्थिक तस्वीर को बदलकर रख देगा।