
Up Kiran, Digital Desk: दुनियाभर में राजनीतिक असहमति को दबाने के आरोप लगते रहते हैं, और इसी कड़ी में एक चौंकाने वाला खुलासा हुआ है। एक नई रिपोर्ट से पता चला है कि अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के प्रशासन के दौरान, एक गोपनीय वेबसाइट का इस्तेमाल फिलिस्तीन समर्थक छात्र कार्यकर्ताओं को निशाना बनाने और उन्हें देश से निष्कासित करने के लिए एक 'गुप्त हथियार' के रूप में किया गया। यह खुलासा अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता और नागरिक अधिकारों पर चिंताएं बढ़ाता है।
यह वेबसाइट, जो सार्वजनिक रूप से ज्ञात नहीं थी, कथित तौर पर उन छात्रों और कार्यकर्ताओं के बारे में जानकारी एकत्र करने का काम करती थी जो फिलिस्तीनी अधिकारों का समर्थन करते थे या इजरायल की नीतियों की आलोचना करते थे। ऐसा आरोप है कि इस डेटा का उपयोग अमेरिकी आव्रजन अधिकारियों द्वारा उन छात्रों को ट्रैक करने, जांच करने और अंततः उन्हें देश से बाहर निकालने के लिए किया गया, जिनके वीजा या आव्रजन स्थिति पर सवाल उठाए जा सकते थे।
ट्रंप प्रशासन अपनी सख्त आव्रजन नीतियों और कुछ राजनीतिक आंदोलनों के प्रति अपने विरोध के लिए जाना जाता था। इस नई जानकारी से पता चलता है कि कैसे इन नीतियों को तकनीकी उपकरणों और गोपनीय माध्यमों से लागू किया गया, जिससे बिना किसी सार्वजनिक बहस या स्पष्ट प्रक्रिया के व्यक्तियों को निशाना बनाया जा सके। यह उन छात्रों के लिए विशेष रूप से चिंताजनक है जो अमेरिका में अपनी पढ़ाई के लिए आए थे और खुद को राजनीतिक सक्रियता के कारण अचानक आव्रजन जांच के दायरे में पाया।
इस घटना ने नागरिक स्वतंत्रता अधिवक्ताओं और मानवाधिकार संगठनों के बीच गहरी चिंता पैदा कर दी है। उनका तर्क है कि ऐसी गतिविधियाँ न केवल अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता के अधिकार का उल्लंघन करती हैं, बल्कि उन छात्रों में भय का माहौल भी पैदा करती हैं जो राजनीतिक या सामाजिक मुद्दों पर अपनी राय रखना चाहते हैं।
यह दिखाता है कि कैसे सत्ता में बैठे लोग डिजिटल उपकरणों का उपयोग कर असंतोष को दबा सकते हैं। इस रहस्यमय वेबसाइट और उसके पीछे की रणनीति पर अब विस्तृत जांच की मांग की जा रही है।
--Advertisement--