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Up Kiran, Digital Desk: पाकिस्तान का बलूचिस्तान प्रांत एक बार फिर एक भीषण आतंकी हमले से दहल गया है। क्वेटा शहर में, पैगंबर मोहम्मद के जन्मदिन के अवसर पर आयोजित ईद मिलाद-उन-नबी के धार्मिक जुलूस को निशाना बनाकर एक आत्मघाती हमलावर ने खुद को उड़ा लिया। इस दर्दनाक घटना में अब तक कम से कम 50 लोगों की मौत की खबर है, जबकि 100 से ज्यादा लोग गंभीर रूप से घायल हो गए हैं। मरने वालों की संख्या बढ़ने की आशंका जताई जा रही है।

यह हमला शहर के मस्तंग इलाके में हुआ, जहाँ सैकड़ों लोग ईद मिलाद-उन-नबी के जश्न में शामिल होने के लिए इकट्ठा हुए थे। चश्मदीदों के मुताबिक, जुलूस जब एक मस्जिद के पास से गुजर रहा था, तभी एक जोरदार धमाका हुआ और चारों तरफ चीख-पुकार मच गई। धमाका इतना शक्तिशाली था कि आसपास की इमारतों को भी नुकसान पहुंचा है।

डिप्टी सुपरिटेंडेंट ऑफ पुलिस (DSP) की भी मौत

हमले के वक्त जुलूस की सुरक्षा में तैनात एक वरिष्ठ पुलिस अधिकारी, डीएसपी नवाज गशकोरी भी आत्मघाती हमलावर को रोकने की कोशिश में मारे गए। अधिकारियों का कहना है कि अगर डीएसपी हमलावर को नहीं रोकते, तो मृतकों की संख्या और भी ज्यादा हो सकती थी।

अस्पतालों में इमरजेंसी घोषित

धमाके के बाद क्वेटा के सभी अस्पतालों में आपातकाल घोषित कर दिया गया है। घायलों की बड़ी संख्या के कारण अस्पतालों में खून की कमी हो गई है और स्थानीय प्रशासन ने लोगों से रक्तदान करने की अपील की है। सोशल मीडिया पर वायरल हो रहे वीडियो और तस्वीरों में घटनास्थल पर मची तबाही और खून से लथपथ लोगों को देखा जा सकता है, जो बेहद भयावह है।

अभी तक किसी भी आतंकवादी संगठन ने इस हमले की जिम्मेदारी नहीं ली है, लेकिन शक की सुई इस्लामिक स्टेट (ISIS) और तहरीक-ए-तालिबान पाकिस्तान (TTP) जैसे संगठनों की ओर घूम रही है जो पहले भी शिया और सूफी मुसलमानों के धार्मिक आयोजनों को निशाना बनाते रहे हैं।