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Up Kiran, Digital Desk: देवभूमि में हरिद्वार स्थित नामचीन तीर्थ स्थल मनसा देवी मंदिर में हाल ही में एक दर्दनाक हादसा हुआ है। मंदिर की ओर जाने वाले पैदल मार्ग पर अचानक भगदड़ मच गई जिसमें 7 श्रद्धालुओं की मौत हो गई और कई अन्य घायल हो गए। शुरुआती जानकारी के मुताबिक भगदड़ की वजह एक हाई वोल्टेज तार का गिरना था जिससे वहां अफरातफरी मच गई।

यह हादसा उस समय हुआ जब मंदिर जाने वाले रास्ते पर पहले से भारी भीड़ थी। तार गिरने से लोग घबरा गए और भगदड़ मच गई। हालांकि राहत और बचाव कार्य तुरंत शुरू कर दिया गया और घायलों को पास के अस्पताल में भर्ती कराया गया है।

इस घटना ने न सिर्फ श्रद्धालुओं को बल्कि प्रशासन को भी गंभीर सवालों के घेरे में ला खड़ा किया है—क्या पैदल मार्ग सुरक्षित है? क्या भीड़ प्रबंधन ठीक से हो पा रहा है?

कहां स्थित है मनसा देवी मंदिर

मनसा देवी मंदिर उत्तराखंड के हरिद्वार शहर में स्थित है और यह बिल्व पर्वत की चोटी पर बना है। यह मंदिर देवी मनसा माता को समर्पित है जिन्हें शक्ति की देवी और सिद्धपीठ माना जाता है। हर साल लाखों श्रद्धालु यहां दर्शन करने आते हैं।

मंदिर तक पहुंचने के दो प्रमुख रास्ते हैं

मनसा देवी रोपवे (उड़न खटोला): यह सुविधा खासकर बुजुर्गों और असमर्थ लोगों के लिए बहुत उपयोगी है।

पैदल मार्ग: यह सबसे ज़्यादा इस्तेमाल किया जाने वाला रास्ता है और इसी मार्ग पर यह हादसा हुआ।

मनसा देवी पैदल मार्ग: दूरी और ऊंचाई

मनसा देवी मंदिर का पैदल मार्ग लगभग 2.4 किलोमीटर लंबा है और इसमें लगभग 786 से 1000 सीढ़ियां चढ़नी पड़ती हैं। यह सीधा रास्ता नहीं है; इसमें खड़ी चढ़ाई शामिल है। औसतन एक व्यक्ति को मंदिर तक पहुंचने में 20–30 मिनट का समय लग सकता है। जब भीड़ अधिक होती है तो यह मार्ग थकाऊ और जोखिमभरा भी बन जाता है।

 

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