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गर्मियों की आमद के साथ ही सड़कों और बाजारों में गन्ने के रस की ठेलियों की भरमार हो जाती है। ये स्वादिष्ट और ताज़ा पेय चिलचिलाती धूप में लोगों को तुरंत राहत पहुंचाता है। इसकी मीठी और प्राकृतिक स्वाद लोगों को खूब भाता है। हालांकि, इस सस्ते जूस में प्राकृतिक चीनी की मात्रा बहुत अधिक होती है, जो मधुमेह (डायबिटीज) से पीड़ित व्यक्तियों के लिए चिंता का विषय हो सकती है।

आमतौर पर एक गिलास (लगभग 240 मिलीलीटर) गन्ने के रस में लगभग 55 से 65 ग्राम चीनी होती है। ये मात्रा किसी भी स्वस्थ व्यक्ति के लिए भी काफी अधिक है और मधुमेह रोगियों के लिए तो यह और भी खतरनाक साबित हो सकता है। गन्ने का रस पीने से ब्लड शुगर का स्तर अचानक और तेजी से बढ़ सकता है।

विशेषज्ञों का मानना है कि शुगर मरीजों को ऐसे पेय पदार्थों से परहेज करना चाहिए जिनमें चीनी की मात्रा ज्यादा हो, क्योंकि ये उनके इंसुलिन के स्तर को अनियंत्रित कर सकता है। इंसुलिन एक हार्मोन है जो रक्त से शर्करा को कोशिकाओं में ऊर्जा के लिए ले जाने में मदद करता है। शुगर वाले लोगों में या तो पर्याप्त इंसुलिन नहीं बनता है या उनका शरीर इंसुलिन का ठीक से उपयोग नहीं कर पाता है। इससे रक्त में शर्करा का स्तर बढ़ जाता है। गन्ने के रस का सेवन इस स्थिति को और बिगाड़ सकता है।

इसलिए मधुमेह से पीड़ित व्यक्तियों को गन्ने का रस पीने से पहले अपने डॉक्टर या आहार विशेषज्ञ से सलाह अवश्य लेनी चाहिए। वे आपकी स्वास्थ्य स्थिति और ब्लड शुगर के स्तर को ध्यान में रखते हुए यह बता पाएंगे कि आपके लिए गन्ने का रस पीना सुरक्षित है या नहीं और यदि हां, तो कितनी मात्रा में।

ये जूस करें ट्राई

गर्मी में हाइड्रेटेड रहने के लिए शुगर पीड़ितों के पास कई अन्य स्वस्थ विकल्प मौजूद हैं। जैसे कि पानी, नींबू पानी (बिना चीनी के), छाछ और सब्जियों के रस। ये पेय न केवल शरीर को ठंडक पहुंचाते हैं, बल्कि ब्लड शुगर के स्तर को भी नियंत्रित रखने में मदद करते हैं।