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Up Kiran, Digital Desk: वंदे भारत वह ट्रेन है जो भारतीय रेलवे का चेहरा बदल रही है। हाई-स्पीड वंदे भारत ट्रेन का क्रेज यात्रियों में अभी भी बरकरार है। वंदे भारत ट्रेन भारतीय रेलवे की सबसे लोकप्रिय ट्रेनों में शीर्ष पर है। देश भर में सैकड़ों वंदे भारत ट्रेन सेवाएं चल रही हैं। सूचना के अधिकार (आरटीआई) के तहत इस वंदे भारत ट्रेन के माध्यम से भारतीय रेलवे द्वारा अर्जित राजस्व की वास्तविक राशि के बारे में पूछा गया था।
प्राप्त जानकारी के अनुसार मध्य प्रदेश निवासी चंद्रशेखर गौड़ ने इस संबंध में आवेदन दिया था। सूचना के अधिकार के तहत दायर इस आवेदन के जवाब में रेल मंत्रालय ने चौंकाने वाली जानकारी दी। रेल मंत्रालय ने कहा है कि प्रत्येक ट्रेन की कमाई का अलग-अलग रिकॉर्ड नहीं रखा जाता है। रेलवे विभाग राजस्व को ट्रेन-वार अलग नहीं करता है। इसलिए, यह स्पष्ट नहीं है कि भारतीय रेलवे वंदे भारत या शताब्दी जैसी विशिष्ट ट्रेनों से कितना राजस्व अर्जित करती है।
इस वित्तीय वर्ष में राजस्व में 16 प्रतिशत की वृद्धि होने की उम्मीद
वंदे भारत एक्सप्रेस वर्तमान में 132 मार्गों पर चल रही है। वंदे भारत ट्रेन देश के 24 राज्यों और 284 जिलों को जोड़ती है। अब तक इस ट्रेन में दो करोड़ से अधिक यात्री यात्रा कर चुके हैं। कहा जा रहा है कि यात्रियों की संख्या और यात्रा की दूरी के बारे में तो जानकारी उपलब्ध है, लेकिन इससे होने वाली आय के बारे में रेलवे के पास जानकारी नहीं है। भारतीय रेलवे ने सूचना के अधिकार के तहत एक पुराने जवाब में यह भी बताया है कि वंदे भारत ट्रेनों में औसतन 92 प्रतिशत सीटें आरक्षित हैं। यह दर कई अन्य एक्सप्रेस ट्रेनों की तुलना में अधिक है। दूसरी ओर, रेलवे ने वित्त वर्ष 2025-26 में यात्री राजस्व में 16 प्रतिशत की वृद्धि का अनुमान लगाया है।
इस बीच, भारतीय रेलवे के यात्री राजस्व में वंदे भारत ट्रेन, शताब्दी, राजधानी और अन्य प्रीमियम ट्रेनों का योगदान अहम माना जाता है। यह अलग से कहना संभव नहीं है कि वंदे भारत या शताब्दी ट्रेनों से कितनी आय हुई। वंदे भारत और शताब्दी जैसी ट्रेनों की गति और आधुनिकता निश्चित रूप से रेलवे की बड़ी उपलब्धि है। उनकी आय के बारे में सटीक जानकारी प्राप्त नहीं की जा सकती।
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