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Up Kiran, Digital Desk: आयकर रिटर्न (ITR) दाखिल करने के समय, करदाताओं के पास अपने कर देनदारी को कम करने के कई तरीके होते हैं। यदि आपने वित्तीय वर्ष 2024-25 के लिए पुरानी कर व्यवस्था (Old Tax Regime) को चुना है, तो आप आयकर अधिनियम की धारा 80G के तहत किए गए दान पर टैक्स छूट का लाभ उठा सकते हैं। यह धारा दान को प्रोत्साहित करने और समाज कल्याण में योगदान देने के लिए बनाई गई है।

धारा 80G क्या है: यह धारा करदाताओं को केंद्र सरकार द्वारा अनुमोदित कुछ विशिष्ट धर्मार्थ संस्थाओं, फंडों या न्यासों (trusts) को दिए गए दान की राशि पर कर कटौती का दावा करने की अनुमति देती है। इसके तहत, दान की गई राशि का 50% या 100% तक, संस्था की श्रेणी के आधार पर, आपकी कुल कर योग्य आय से घटाया जा सकता है।

पुरानी कर व्यवस्था में लाभ: यह ध्यान रखना महत्वपूर्ण है कि धारा 80G के तहत कर लाभ केवल उन्हीं करदाताओं को मिलता है जिन्होंने नई कर व्यवस्था (New Tax Regime) को नहीं चुना है, क्योंकि नई व्यवस्था में अधिकांश कटौतियों की अनुमति नहीं है। यदि आप पुरानी कर व्यवस्था में हैं, तो आप धारा 80C, 80D जैसी अन्य कटौतियों के साथ-साथ 80G के तहत दान पर भी छूट पा सकते हैं।

कटौती की राशि कैसे तय होती है?
धारा 80G के तहत कटौती की राशि दान की गई संस्था के प्रकार पर निर्भर करती है:

100% कटौती (बिना किसी सीमा के): कुछ विशेष फंडों, जैसे प्रधानमंत्री राष्ट्रीय राहत कोष, राष्ट्रीय रक्षा कोष आदि में दिए गए दान पर 100% कटौती मिलती है।

50% कटौती (बिना किसी सीमा के): कुछ अन्य सरकारी फंडों में दिए गए दान पर 50% कटौती मिल सकती है।

100% कटौती (निर्धारित सीमा के अधीन): कुछ संस्थाओं को दिए गए दान पर 100% कटौती मिलती है, लेकिन यह आपके समायोजित सकल आय (Adjusted Gross Total Income) के 10% तक सीमित हो सकती है।

50% कटौती (निर्धारित सीमा के अधीन): इसी तरह, कुछ अन्य स्वीकृत संस्थाओं को दिए गए दान पर 50% कटौती, समायोजित सकल आय के 10% तक सीमित होती है।

दान करते समय ध्यान रखने योग्य बातें:

भुगतान का तरीका: ₹2,000 से अधिक का नकद दान कटौती के लिए पात्र नहीं है। आपको दान चेक, डिमांड ड्राफ्ट या इलेक्ट्रॉनिक माध्यमों (जैसे UPI, NEFT, ऑनलाइन ट्रांसफर) से करना होगा।

पावती रसीद: दान की गई राशि के लिए आपको एक वैध रसीद प्राप्त करनी होगी, जिसमें दान की गई संस्था का नाम, PAN, पता, दान की राशि और संस्था का 80G पंजीकरण नंबर स्पष्ट रूप से उल्लेखित हो।

फॉर्म 10BE: आयकर विभाग द्वारा निर्धारित फॉर्म 10BE भी कटौती का दावा करने के लिए आवश्यक हो सकता है, जो दान प्राप्त करने वाली संस्था द्वारा जारी किया जाता है।

पुरानी कर व्यवस्था का चुनाव: कर लाभ के लिए, कर दाखिल करते समय पुरानी कर व्यवस्था का विकल्प चुनना अनिवार्य है।

धर्मार्थ कार्यों में योगदान देकर आप न केवल समाज की मदद करते हैं, बल्कि पुरानी कर व्यवस्था के तहत अपनी कर देनदारी को भी कम कर सकते हैं।

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