_1339641972.png)
Up Kiran, Digital Desk: आगरा के विश्वप्रसिद्ध ताजमहल के पास उस वक्त एक दिल दहला देने वाली घटना घटी जब एक पर्यटक परिवार ने पर्यटन के जुनून में इंसानियत को पीछे छोड़ दिया। पर्यटन स्थलों पर अमूमन खुशी और उमंग का माहौल होता है, लेकिन यहां एक बुजुर्ग की पीड़ा ने सभी को झकझोर कर रख दिया।
कार में कैद इंसानियत: बुजुर्ग को बांधकर छोड़ गए परिजन
घटना ताजमहल की पश्चिमी पार्किंग में घटी, जहां महाराष्ट्र नंबर प्लेट वाली एक कार खड़ी थी। उस वाहन में कुल सात लोग सवार होकर आए थे—तीन पुरुष और चार महिलाएं। लेकिन इस परिवार ने जो किया, उसने सभी की संवेदनाओं को झकझोर दिया। परिवार के अन्य सदस्य तो ताजमहल का दीदार करने निकल पड़े, लेकिन उनके साथ आए एक बुजुर्ग को कार में ही छोड़ दिया गया। इतना ही नहीं, उसे गमछे से बांधकर कार लॉक कर दी गई, मानो वह कोई जिम्मेदारी नहीं, बोझ हो।
कार के भीतर उमस और तेज़ गर्मी के कारण बुजुर्ग की हालत बिगड़ने लगी। सांस लेने में तकलीफ और शरीर पर थकान के लक्षण दिखाई देने लगे, जिसे देखकर पार्किंग में मौजूद कर्मचारियों को संदेह हुआ।
पुलिस और मेडिकल टीम ने बचाई जान
संवेदनशीलता दिखाते हुए पार्किंग स्टाफ ने तुरंत इस बारे में पर्यटक पुलिस को जानकारी दी। सूचना मिलते ही पुलिस और मेडिकल टीम मौके पर पहुंची और कार का शीशा तोड़कर बुजुर्ग को बाहर निकाला। तत्काल चिकित्सा सहायता के लिए एंबुलेंस भी बुलाई गई और बुजुर्ग को अस्पताल ले जाया जाने लगा।
वापसी पर विवाद: बुजुर्ग को फिर कार में बैठाकर भाग निकला परिवार
चौंकाने वाली बात यह रही कि जब परिजन वापस लौटे, तो बजाय शर्मिंदगी जताने या माफी मांगने के, उन्होंने बुजुर्ग को जबरन फिर से कार में बैठाया और घटनास्थल से रवाना हो गए। मौके पर मौजूद लोग इस हरकत से स्तब्ध रह गए। पुलिस और मेडिकल टीम की मौजूदगी में ऐसा व्यवहार न केवल असंवेदनशील था, बल्कि क़ानून की अवहेलना भी माना जा सकता है।
प्रशासन की नजरें सख्त, हो सकती है कार्रवाई
इस अमानवीय कृत्य को लेकर अब स्थानीय प्रशासन और पर्यटन पुलिस गंभीरता से कार्रवाई पर विचार कर रहे हैं। प्राथमिक जांच में लापरवाही, मानवाधिकार उल्लंघन और जान को खतरे में डालने जैसे आरोपों की संभावनाएं तलाशी जा रही हैं।
--Advertisement--