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Up Kiran, Digital Desk: हैदराबाद में हाल ही में वैस्कुलर स्वास्थ्य जागरूकता को बढ़ावा देने के उद्देश्य से एक भव्य वॉकथॉन का आयोजन किया गया, जिसने शहरवासियों में स्वास्थ्य के प्रति एक नई चेतना जगाई। 'नेशनल वैस्कुलर डे' (National Vascular Day) के अवसर पर आयोजित इस कार्यक्रम में सैकड़ों लोगों ने उत्साहपूर्वक भाग लिया, जिसका मुख्य लक्ष्य वैस्कुलर रोगों से बचाव और 'अंग-विच्छेदन-मुक्त भारत' (Amputation-Free India) का निर्माण करना था। यह पहल केवल एक वॉकथॉन नहीं थी, बल्कि स्वस्थ जीवनशैली अपनाने और अपने संवहनी तंत्र (Vascular System) की देखभाल के महत्व पर जोर देने वाला एक शक्तिशाली संदेश था।

वैस्कुलर रोगों का बढ़ता खतरा: क्यों है जागरूकता जरूरी?

आज की भागदौड़ भरी जिंदगी और बदलती जीवनशैली के कारण वैस्कुलर रोग, जिन्हें रक्त वाहिकाओं से संबंधित बीमारियाँ भी कहा जाता है, तेजी से बढ़ रहे हैं। पेरिफेरल वैस्कुलर डिजीज (Peripheral Vascular Disease - PVD) जैसे रोग अंगों को नुकसान पहुंचा सकते हैं और गंभीर मामलों में तो अंग विच्छेदन (Amputation) तक की नौबत आ सकती है। इसके अलावा, डीप वेन थ्रॉम्बोसिस (Deep Vein Thrombosis - DVT) जैसी स्थितियाँ भी जानलेवा साबित हो सकती हैं यदि समय रहते इनका पता न चले। इन रोगों के शुरुआती लक्षणों को पहचानना और समय पर उपचार प्राप्त करना बेहद महत्वपूर्ण है। विशेषज्ञों के अनुसार, नियमित शारीरिक गतिविधि, संतुलित आहार और समय-समय पर स्वास्थ्य जांच वैस्कुलर स्वास्थ्य को बनाए रखने की कुंजी हैं।

राष्ट्रीय स्तर पर एकजुटता: एक कदम, अनेक शहरों में गूंज

हैदराबाद में हुई यह वॉकथॉन 'वैस्कुलर सोसाइटी ऑफ इंडिया (Vascular Society of India - VSI)' द्वारा पूरे देश में आयोजित एक बड़े अभियान का हिस्सा थी। इसमें 30 से अधिक शहरों में 15,000 से अधिक प्रतिभागियों ने हिस्सा लिया, जो वैस्कुलर स्वास्थ्य के प्रति बढ़ती राष्ट्रीय प्रतिबद्धता को दर्शाता है। तेलंगाना और आंध्र प्रदेश की वैस्कुलर सोसाइटी (VASTA) के सचिव डॉ. चंद्र शेखर चेवुतुरु ने बताया कि पेरिफेरल वैस्कुलर डिजीज (PVD) अंग हानि का प्रमुख कारण है, जो आघात से संबंधित विच्छेदन से लगभग आठ गुना अधिक है। इस पहल का उद्देश्य शुरुआती हस्तक्षेप और वैस्कुलर स्वास्थ्य बनाए रखने की सशक्त भूमिका पर जोर देना था ताकि अनावश्यक अंग विच्छेदन को रोका जा सके।

स्वास्थ्य दिग्गजों का आह्वान: समुदाय की शक्ति से बदलाव संभव!

इस वॉकथॉन में डॉक्टरों, नर्सों, स्वास्थ्य पेशेवरों और आम जनता ने बढ़-चढ़कर हिस्सा लिया। 'केआईएमएस-सनशाइन हॉस्पिटल्स' (KIMS-Sunshine Hospitals) द्वारा भी बेगमपेट में 'वॉक ए माइल टू लिव विद ए स्माइल' (Walk a Mile to Live with a Smile) शीर्षक से एक वॉकथॉन का आयोजन किया गया, जिसका उद्देश्य हृदय संबंधी बीमारियों के प्रति जागरूकता फैलाना था। वैस्कुलर सोसाइटी ऑफ इंडिया (VSI) के अध्यक्ष डॉ. पी सी गुप्ता ने कहा, “आज का यह आयोजन भारत में रोके जा सकने वाले अंग विच्छेदन को कम करने के हमारे मिशन में एक महत्वपूर्ण मील का पत्थर है।” उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि राष्ट्रव्यापी भागीदारी वैस्कुलर स्वास्थ्य के प्रति बढ़ती प्रतिबद्धता और सार्थक बदलाव लाने में सामुदायिक कार्रवाई की शक्ति को प्रदर्शित करती है।

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